प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करेली थाना क्षेत्र में एक भयावह घटना घटित हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, सलीम पन्नी और उसके 5-6 साथियों ने सबा नाज नामक एक मुस्लिम महिला और उनके दो बच्चों को घर में घुसकर धमकाया और मारा। इस हमले का मुख्य कारण सबा नाज के बच्चों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बढ़ते समर्थन के बारे में बातचीत करना था। यह घटना 22 मई 2024 की रात को हुई जब सलीम पन्नी अपने साथियों के साथ सबा नाज के घर आ धमका।
घटना का विवरण
पीड़िता सबा नाज के अनुसार, 22 मई की शाम को वह अपने घर के बाहर अपने बेटे-बेटी के साथ आम चुनावों के बारे में बात कर रही थीं। बातचीत के दौरान उनके बच्चे तीसरी बार मोदी सरकार बनने की संभावना पर चर्चा कर रहे थे। तभी घर के सामने से गुजर रहे सलीम पन्नी ने ये बातें सुनीं और आगबबूला हो गया। उसने गाड़ी रोककर सबा नाज के बच्चों को गंदी-गंदी गालियाँ दीं और धमकाया कि मोदी सरकार नहीं बनेगी।
आधी रात का हमला
सबा नाज ने बताया कि रात 12 से 1 बजे के बीच सलीम पन्नी और उसके 5-6 साथी नशे में धुत होकर उनके घर आए और जबरदस्ती दरवाजा खुलवाया। आरोपियों ने सबा नाज और उनके बच्चों के साथ मारपीट की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। सबा नाज का कहना है कि उनके पति सुफियान अहमद और वह भाजपा का समर्थन करते हैं। उनके पति भाजपा मुस्लिम मंच में सहसंयोजक हैं और सलीम पन्नी पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है।
पुलिस कार्रवाई
इस घटना की सूचना मिलते ही करेली थाना पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की और IPC की धारा 147 (दंगा करने की सजा), 323 (स्वेच्छया चोट पहुँचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 452 (घर में अनधिकार प्रवेश) और 354 (ख) (महिला की मर्यादा भंग करने का प्रयास) के तहत FIR दर्ज की। पुलिस ने आरोपी सलीम पन्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़िता की अपील
सबा नाज ने पुलिस और प्रशासन से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने बताया कि भाजपा का समर्थन करने के कारण उन्हें और उनके परिवार को लगातार धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है और वे सुरक्षा की गुहार लगा रही हैं।
निष्कर्ष
यह घटना राजनीतिक असहिष्णुता और हिंसा का गंभीर उदाहरण है। एक परिवार को राजनीतिक विचारधारा के कारण इस प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ा, जो समाज में सहिष्णुता और संवाद की आवश्यकता को दर्शाता है। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की सराहना की जानी चाहिए, लेकिन ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न घटें।




