Friday, November 22, 2024
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हिंदी शीघ्र ही संयुक्‍त राष्‍ट्र की आधिकारिक भाषा बनेगी : डॉ शशिकांत सदिस्‍तप

सीएसआईआर-सीरी में विश्‍व हिंदी दिवस का आयोजन
वार्षिक विज्ञान पत्रिका ‘इलेक्‍ट्रॉनिक दर्पण’ का विमोचन

पिलानी, 11 जनवरी, सीएसआईआर-सीरी में गरिमामयी तरीके से विश्‍व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष्‍य में वैज्ञानिक वेबिनार का आयोजन किया गया। एम एस टीम्‍स के माध्‍यम से आयोजित वेबिनार में संस्‍थान के वरिष्‍ठ वैज्ञानिकों एवं शोधार्थी छात्रा द्वारा विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण विषयों पर अपने प्रस्‍तुतीकरण/व्‍याख्‍यान दिए गए। ऑनलाइन आयोजित वेबिनार में संस्‍थान की राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति के सदस्‍यों सहित मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ शशिकांत संदिस्‍तप, डॉ सुचंदन पाल, डॉ यू एन पाल, प्रशासन नियंत्रक जय शंकर शरण एवं वेबिनार के वक्‍ताओं सहित कार्यक्रम के संयोजक श्री रमेश बौरा, वरिष्‍ठ हिंदी अधिकारी एवं अन्‍य सहकर्मी व प्रतिभागी उपस्थित थे। संस्‍थान के कार्मिकों के अलावा वेबिनार में कुछ सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के कार्मिक भी जुडे। इस अवसर पर डॉ सदिस्‍तप एवं अन्‍य मंचस्‍थ अधिकारियों द्वारा संस्‍थान की विज्ञान पत्रिका इलेक्‍ट्रॉनिक दर्पण 2023 का विमोचन भी किया गया। डॉ सदिस्‍तप ने वेबिनार में प्रस्‍तुतीकरण देने वाले वैज्ञानिकों को प्रशस्ति पत्र भी भेंट किए।

विश्‍व हिंदी दिवस के मुख्‍य समारोह में अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए डॉ शशिकांत सदिस्‍तप, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीरी ने कहा कि हमारे संस्‍थान में हिंदी का उपयोग अनवरत रूप से बढ़ा है। देश-विदेश में हिंदी के प्रसार के लिए भारत सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रेरणा और प्रोत्‍साहन से ही हिंदी का प्रचार-प्रसार किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक देशवासी का यह नैतिक कर्तव्‍य है कि वह अपनी भाषा पर गर्व करे और डिजिटल टूल्‍स के उपयोग से हिंदी का अधिकाधिक उपयोग कर उसका प्रसार बढ़ाए। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि हमारी राष्‍ट्र भाषा हिंदी शीघ्र ही संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनेगी।

इस अवसर पर प्रशासन नियंत्रक जय शंकर शरण ने अपने व्‍याख्‍यान में हिंदी की एतिहासिक पृष्‍ठभूमि, देवनागरी लिपि की विशेषताएँ, हिंदी के विकास में आने वाली बाधाओं और उनके समाधान पर प्रकाश डालते हुए हिंदी की वैश्‍विक स्थिति और संभावनाओं पर चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि हिंदी संस्‍कृत के परिवार की भाषा है और यह संख्‍या की दृष्टि से विश्‍व में बोली जाने वाली दूसरी बड़ी भाषा है। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक देशवासी का यह नैतिक कर्तव्‍य है। उन्‍होंने कहा कि हम सभी को अपने सामाजिक जीवन में भी अधिकाधिक और बेहिचक उपयोग करना चाहिए।

हिंदी वेबिनार का आयोजन – विश्‍व हिंदी दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ वैज्ञानिक वेबिनार से हुआ। वेबिनार में शिप्रा भाटिया, पीएचडी छात्रा ने 5-जी वायरलेस तकनीक एवं मिलीमीटर तरंग संचार; गौरव पुरोहित, प्रधान वैज्ञानिक ने एआईओटी अनुप्रयोगों के लिए ट्रांस्‍फर लर्निंग को सक्षम बनाना तथा डॉ राहुल प्रजेश, प्रधान वैज्ञानिक ने मेम्‍स आधारित आईआर एमिटर का अभिकल्‍पन एवं विकास विषयक प्रस्‍तुतीकरणों के माध्‍यम से सहकर्मियों को महत्‍वपूर्ण जानकारी दी। तकनीकी सत्र की अध्‍यक्षता डॉ सुचंदन पाल, मुख्‍य वैज्ञानिक ने की तथा वेबिनार का संचालन डॉ मनिन्‍दर कौर, वरिष्‍ठ तकनीकी अधिकारी ने किया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्‍थान के मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी श्री रमेश बौरा ने सभी सहकर्मियों एवं प्रतिभागियों को विश्‍व हिंदी दिवस की बधाई दी। उन्‍होंने इस अवसर पर आयोजन की पृष्‍ठभूमि की चर्चा करते हुए विश्‍व हिंदी दिवस मनाए जाने के ऐतिहासिक तथ्‍यों की जानकारी दी और वेबिनार की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। अंत में आयोजन समिति के अध्‍यक्ष डॉ सुचंदन पाल, मुख्‍य वैज्ञानिक ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया।

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