सोनमर्ग, जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग पर ज़ेड मोड़ टनल का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। समुद्रतल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर बनी यह 6.5 किलोमीटर लंबी सुरंग इस क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं डॉ. जितेंद्र सिंह उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री की उपस्थिति पर उमर अब्दुल्ला का सकारात्मक दृष्टिकोण
उद्घाटन समारोह के बाद आयोजित जनसभा में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी की निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए हैं, जो लोकतंत्र की सुदृढ़ता को दर्शाता है।” उमर अब्दुल्ला ने यह भी विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा देने का जो वादा किया है, उसे अवश्य पूरा करेंगे। उन्होंने गगनगीर हमले में शहीद हुए लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
टूरिज्म बनाम टेरेरिज्म की चर्चा: मनोज सिन्हा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद के लिए नहीं, बल्कि पर्यटन के लिए चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने विकास की दिशा में हमें प्रेरित किया और कश्मीर को वास्तविक जन्नत बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।” उन्होंने आगे बताया कि पिछले वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री ने तीन बार जम्मू-कश्मीर का दौरा कर 41,000 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया।
नितिन गडकरी ने रखी बुनियादी ढांचे की महत्ता पर बात
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री का विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब देश में मजबूत बुनियादी ढांचा होगा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमें जम्मू-कश्मीर को समृद्ध बनाने की जिम्मेदारी दी है, और हम इस दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं।”
श्रमिकों के योगदान को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में ज़ेड मोड़ टनल के निर्माण के दौरान जान गंवाने वाले सात श्रमिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “हमारे श्रमिकों ने कठिन परिस्थितियों में भी अपने संकल्प को नहीं छोड़ा। उन्होंने हर चुनौती का सामना कर इस परियोजना को पूरा किया है। मैं उन साथियों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने प्राण गंवाए।” प्रधानमंत्री ने इन श्रमिकों के त्याग और समर्पण को राष्ट्र की प्रगति का आधार बताया।