सूरजगढ़, 15 फरवरी 2025: सूरजगढ़ में सिविल कोर्ट के लिए भूमि आवंटन की मांग को लेकर अभिभाषक संघ द्वारा जारी धरने को अब सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर प्रशासन से जल्द से जल्द भूमि आवंटित करने की मांग की है, ताकि स्थानीय लोगों को न्यायिक सुविधा का लाभ मिल सके।

संगठनों ने एक स्वर में उठाई भूमि आवंटन की मांग
धरने को समर्थन देने वाले संगठनों में डॉ. भीमराव अंबेडकर समिति, सर्व समाज समरसता एवं सर्वांगीण विकास समिति, भारत मुक्ति मोर्चा, अनियमितता एवं भ्रष्टाचार विरोधी परिषद, चिड़ावा बार एसोसिएशन, और एनएसयूआई प्रमुख रूप से शामिल रहे।
अंबेडकर समिति के संरक्षक मोतीलाल डिग्रवाल, एडवोकेट कपिल पाराशर, और एनएसयूआई के संयुक्त सचिव यस डेला ने प्रशासन द्वारा अब तक सिविल कोर्ट के लिए भूमि आवंटन न करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने सरकार से तत्काल भूमि आवंटन करने की मांग की ताकि आमजन को स्थानीय स्तर पर ही न्याय मिल सके।
वकीलों और गणमान्य लोगों ने किया समर्थन
धरने में *जीवनराम चांवरिया, राधेश्याम चिरानिया, बाबूलाल बडगूजर, सज्जन कटारिया, फूलचंद बड़सीवाल, अजय जडेजा, संजू तंवर, सुरेश दानोदिया, हवासिंह चौहान, मदनसिंह राठौड़, संदीप मान, रामेश्वरदयाल, सुरेंद्रसिंह तंवर, शिवराजसिंह राठौड़, महेश सैनी, भारतभूषण शर्मा, प्रदीप तूंदवाल, रतनलाल तंवर, पवन कुमावत, राजेश चिरानिया, सुरेश कुमार, अनिल शर्मा, मनोज डिग्रवाल, राजेश शर्मा, अंशुल गुप्ता, अंकित शर्मा, सुनील सोमरा, अमित शर्मा, चेतन चौहान, शिवराज सेन, नितेश पवन मेंचू, संदीप राव, राजेश योगी, और पंकज खीचड़ सहित कई अधिवक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

सिविल कोर्ट के अभाव में हो रही परेशानी
धरने में शामिल लोगों ने कहा कि सूरजगढ़ में सिविल कोर्ट की गैरमौजूदगी से स्थानीय लोगों को न्याय के लिए झुंझुनूं या चिड़ावा जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द भूमि आवंटन नहीं हुआ, तो विरोध प्रदर्शन को और व्यापक किया जाएगा।

जल्द समाधान की अपील
सभी संगठनों और अधिवक्ताओं ने मिलकर सरकार से सिविल कोर्ट के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की। धरने पर बैठे वकीलों ने कहा कि जब तक प्रशासन सकारात्मक कदम नहीं उठाता, उनका विरोध जारी रहेगा।