पिलानी, 20 जनवरी 2025: भारत में अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सीएसआईआर- केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (CSIR-CEERI) पिलानी के वैज्ञानिकों ने एक और महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने “इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT)” डिवाइस की दिशा में आगे बढ़ते हुए IoT-सक्षम, पोर्टेबल एंडोस्कोप प्रौद्योगिकी का विकास किया है। इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से जटिल सर्जरी को सुरक्षित, सुविधाजनक एवं अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा जिसके कारण उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ उच्च सटीकता के साथ कम लागत में भारत के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों पहुंच सकेंगी।
पोर्टेबल एन्डोस्कोपी का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मेसर्स येलो मेडिप्लस प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली को किया गया है जो कि इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से बड़े पैमाने पर उपकरणों का निर्माण कर बाजार में उपलब्ध कराएगा।

क्या है यह IoT-सक्षम पोर्टेबल एंडोस्कोप टेक्नोलॉजी
IoT-सक्षम पोर्टेबल एंडोस्कोप एक अत्याधुनिक उपकरण है जिसे मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस प्रकार की सर्जरी से शरीर में कम-से-कम कट या चीरा लगा कर उपचार किया जाता है। इससे रोगी को दर्द या कष्ट कम होता है। ऐसी सर्जरी से रोगी जल्दी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है और उसका रिकवरी का समय भी कम होता है। पारंपरिक भारी एंडोस्कोप की तुलना में, यह उपकरण कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल है, जिससे यह दूरदराज के क्षेत्रों और छोटे क्लीनिकों में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए आदर्श उपकरण है। इस नए उपकरण के साथ, सर्जन इन प्रक्रियाओं को और भी अधिक सटीकता और नियंत्रण के साथ कर पाएंगे।
उपकरण की प्रमुख विशेषताएँ और लाभ
पोर्टेबिलिटी: यह उपकरण वर्तमान में उपलब्ध उपकरणों के मुकाबले हल्का और परिवहन में आसान है, जो इसे ग्रामीण या अल्पविकसित क्षेत्रों की स्वास्थ्य इकाइयों के लिए आदर्श बनाता है।
IoT कनेक्टिविटी: इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ रिमोट कंसल्टेशन के लिए वास्तविक समय की मॉनीटरिंग के साथ-साथ डेटा साझा करने की सुविधा है।
हाई-रिजोल्यूशन इमेजिंग: इस विशेषता के कारण फोटो या वीडियो में उच्च गुणवत्ता वाली छवि-स्पष्टता होती है, जिससे सर्जनों को सटीक शल्य चिकित्सा में मदद मिलती है।
किफायती: इस उपकरण की उत्पादन और प्रचालन लागत कम होगी, जिससे यह अधिक चिकित्सा सुविधाओं के लिए सुलभ हो सकेगा।
मानव त्रुटियों में कमी: यह डिवाइस इसके साथ जुड़े अन्य उपकरणों की सहायता से रियल टाइम मॉनीटरिंग के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, जिससे सर्जरी सटीक और अधिक प्रभावी होती है और मानव त्रुटियों को कम किया जाता है।

“मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रतिबद्धता
यह प्रौद्योगिकी देश में हेल्थकेयर क्षेत्र में स्वदेशी चिकित्सा उपकरण निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगी। यह तकनीकी हस्तांतरण “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और देश के चिकित्सा उपकरण निर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए CSIR-CEERI की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है।
“इस IoT-सक्षम पोर्टेबल एंडोस्कोप का M/s येलो मेडिप्लस प्राइवेट लिमिटेड को सफलतापूर्वक स्थानांतरण हमारी स्वदेशी, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा प्रौद्योगिकी समाधान बनाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रौद्योगिकी के साथ, हम पूरे देश में रोगी देखभाल में सुधार करने में योगदान देने की उम्मीद करते हैं।”
डॉ. पीसी पंचारिया (निदेशक, CSIR-CEERI पिलानी)
“इस प्रौद्योगिकी के विकास की यात्रा चुनौतीपूर्ण लेकिन संतोषजनक रही, और यह वर्षों के अनुसंधान और सहयोग का परिणाम है। मुझे विश्वास है कि यह उत्पाद स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में एक स्थायी प्रभाव डालेगा।”
डॉ. सत्यम श्रीवास्तव (वरिष्ठ वैज्ञानिक)