संसद पर धुआं हमला: बीते दिन बुधवार (13 दिसंबर) को संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसमें सीआरपीएफ के जवानों की लापरवाही सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक जिस वक्त सागर शर्मा और मनोरंजन डी ने दर्शक दीर्घा से छलांग लगाई थी उस वक्त सीआरपीएफ के 30 ट्रेंड कमांडो (पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप कमांडो) उसी गैलरी में तैनात थे. इन जवानों ने कोई जरूरी कदम नहीं उठाए और न ही कोई एक्शन लिया.
सूत्रों ने ये भी बताया कि जब दोनों आरोपी नीचे कूदे तो इनमें से किसी कमांडो ने इनके पीछे जाने की कोशिश याद कूदने की कोशिश नहीं की और सांसदों को सागर और मनोरंजन से खुद ही बचना पड़ा. इतना ही नहीं संसद में पीएसएस तैनात रहती है और उसमें भी करीब 119 जवानों की कमी बताई जा रही है. दरअसल संसद भवन की सुरक्षा का जिम्मा पीडीजी, पीएसएस और दिल्ली पुलिस के हवाले रहता है.
संसद की सुरक्षा किसके हवाले?
हालांकि इस मामले में 8 कर्मियों पर गाज भी गिरी है. लोकसभा सचिवालय ने इन कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. संसद भवन की ओवरऑल सिक्योरिटी की जिम्मेदारी पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) के संभालता है. इसमें सीआरपीएफ के जवान तैनात होते हैं. इसके अलावा संसद भवन में पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस और दिल्ली पुलिस भी तैनात रहती है. संसद के दोनों सदनों में अगर किसी को एंट्री लेनी होती है तो उसके लिए पास बनाने से लेकर जांच करने का काम इन दोनों के पास रहता है.
5 आरोपी गिरफ्तार, एक की तलाश जारी
संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिनमें उन्नाव का रहने वाला सागर शर्मा, लातूर का रहने वाला अमोल शिंदे, मैसूर का रहने वाला मनोरंजन डी, जींद की रहने वाली नीलम के साथ-साथ एक अन्य आरोपी शामिल है. छठे आरोपी ललित झा की तलाश जारी रही है. उसकी लास्ट लोकेशन राजस्थान के नीमराना में मिली और जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम वहां पहुंची तो ललित वहां से भी फरार हो गया. स्पेशल सेल की 2 टीमें उसकी तलाश कर रही हैं.