नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव और वायनाड़ से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को संसद में एक ऐसे हैंडबैग के साथ उपस्थिति दर्ज कराई, जो फिलिस्तीन के लोगों के प्रति उनके समर्थन और एकजुटता का प्रतीक बना। इस हैंडबैग पर बड़े अक्षरों में “फिलिस्तीन” लिखा हुआ था, साथ ही इसमें तरबूज जैसे फिलिस्तीनी प्रतीक भी नजर आए। तरबूज फिलिस्तीनी संस्कृति और एकजुटता का अहम प्रतीक माना जाता है, जिसका उपयोग फिलिस्तीनी संघर्ष के समर्थन के लिए किया जाता है।
प्रियंका गांधी की फिलिस्तीन के प्रति एकजुटता
प्रियंका गांधी लंबे समय से गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई और फिलिस्तीनी नागरिकों के अधिकारों पर मुखर रही हैं। उन्होंने कई मौकों पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की है और गाजा में इजरायली सैन्य अभियानों को “नरसंहारकारी” करार दिया है। प्रियंका गांधी के इस प्रतीकात्मक कदम को गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ उनका समर्थन और फिलिस्तीनी जनता के प्रति सहानुभूति के तौर पर देखा जा रहा है।
तरबूज का फिलिस्तीनी संघर्ष में महत्व
तरबूज, फिलिस्तीनी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे अक्सर फिलिस्तीनी एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। कटे हुए तरबूज की छवि और इमोजी का उपयोग फिलिस्तीनी संघर्ष के समर्थन में किया जाता रहा है। प्रियंका गांधी के बैग में इस प्रतीक का होना उनकी विचारधारा और फिलिस्तीन के प्रति सहानुभूति को प्रकट करता है।
बीजेपी का पलटवार: ‘तुष्टीकरण का बैग’
प्रियंका गांधी के इस कदम पर बीजेपी नेता और सांसद संबित पात्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी की “तुष्टीकरण की राजनीति” से जोड़ा और आरोप लगाया कि गांधी परिवार चुनावों में अपनी हार के लिए इसी “तुष्टीकरण के बैग” को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। पात्रा ने यह भी कहा कि कांग्रेस की ऐसी राजनीति देश की जनता के बीच अस्वीकार्य है।
फिलिस्तीनी दूतावास के प्रभारी से प्रियंका गांधी की मुलाकात
कुछ समय पहले नई दिल्ली में फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एलराज़ेग अबू जाजर ने प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने प्रियंका गांधी को वायनाड़ लोकसभा क्षेत्र में उनकी हालिया चुनावी जीत पर बधाई दी। इस मुलाकात ने कांग्रेस नेता के फिलिस्तीन के प्रति समर्थन को और अधिक स्पष्ट किया।