वृंदावन, उत्तर प्रदेश: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज इन दिनों स्वास्थ्य लाभ पर हैं, जिस कारण वह बीते तीन रात्रियों से अपनी नियमित रात्रिकालीन पदयात्रा पर नहीं निकल रहे हैं। प्रतिदिन देशभर के कोने-कोने से वृंदावन पहुंचने वाले श्रद्धालु इस अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव में भाग लेने की आशा से आते हैं, किंतु संत के बाहर न आने से भक्तों में गहरी निराशा देखी गई।
बुधवार रात्रि दो बजे तक श्रद्धालु सड़कों पर रंगोली सजाकर, भजन-कीर्तन करते हुए संत प्रेमानंद के दर्शन की प्रतीक्षा करते रहे, किंतु जब सूचना मिली कि स्वास्थ्य कारणों से वह बाहर नहीं आएंगे, तो कई श्रद्धालु भावुक होकर रो पड़े।
गुरुवार सुबह दिखा भक्ति का दृश्य, पैदल चले संत प्रेमानंद
गुरुवार सुबह पांच बजे जैसे ही खबर फैली कि संत प्रेमानंद महाराज श्रीराधा केलिकुंज के लिए कार से रवाना होंगे, श्रद्धालुओं की भीड़ एक बार फिर दर्शन की आशा में सड़क के दोनों ओर उमड़ पड़ी। भक्तों की यह भक्ति देखकर संत महाराज कार से उतर पड़े और कुछ दूरी तक पैदल चलकर सभी श्रद्धालुओं का हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
उन्हें पैदल चलते देख भक्तों की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले और जयकारों से वातावरण गूंज उठा—
“जय श्री राधे!”, “प्रेमानंद महाराज की जय!”
स्वास्थ्य ठीक नहीं, फिर भी भक्तों की श्रद्धा देख किया प्रयास
संत प्रेमानंद महाराज बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ हैं, जिसके चलते उन्होंने रात्रि दो बजे की पदयात्रा स्थगित की हुई है। यह पदयात्रा वृंदावन में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक परंपरा बन चुकी है, जिसमें सैकड़ों नहीं, हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
श्रद्धालु प्रतिदिन रात्रि 11 बजे से ही पदयात्रा मार्ग पर एकत्र होना शुरू कर देते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीप जलाते हैं और नाम संकीर्तन में लीन हो जाते हैं।