झुंझुनूं: शहर में सनातन संस्कृति और शिव भक्ति की परंपरा को सशक्त करते हुए कारुंडिया रोड स्थित विश्वकर्मा मंदिर परिसर में शिव महापुराण के महत्व पर आधारित एक विशेष धार्मिक आयोजन हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध कथावाचक दीपक शुक्ला ने शिव पुराण को केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन को सार्थक, शांत और आध्यात्मिक रूप से उन्नत बनाने का सशक्त माध्यम बताया। कार्यक्रम में गौड़ ब्राह्मण महासभा की सक्रिय भूमिका रही, जिसने दीपक शुक्ला का सम्मानपूर्वक स्वागत किया।
“शिव पुराण भक्ति, कर्म और ज्ञान का समन्वय है” — दीपक शुक्ला
कथावाचक दीपक शुक्ला ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि शिव पुराण व्यक्ति को आत्मिक शांति, सही कर्म की प्रेरणा और ईश्वर से जुड़ने का मार्ग दिखाता है। उन्होंने बताया कि शिव भक्ति के माध्यम से मनुष्य दया, त्याग और करुणा जैसे गुणों को आत्मसात कर सकता है, जिससे जीवन में संतुलन और सकारात्मक परिवर्तन आता है। उनके अनुसार शिव पुराण का श्रवण और पाठ न केवल आध्यात्मिक उन्नति करता है, बल्कि सांसारिक कष्टों से भी मुक्ति दिलाने में सहायक है।
गौड़ ब्राह्मण महासभा ने जताया गौरव, सनातन धर्म के प्रचार पर संतोष
इस आयोजन को लेकर गौड़ ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पवन शर्मा देरवाला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि झुंझुनूं के कथावाचकों के माध्यम से सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार होना पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि दीपक शुक्ला जैसे विद्वान कथावाचक नई पीढ़ी को धर्म, संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
धार्मिक आयोजन में समाज के प्रबुद्धजनों की सक्रिय सहभागिता
कार्यक्रम के दौरान विप्र सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश बसावतिया ने आयोजन की जानकारी साझा की। स्वागत समारोह में समाज के कई सक्रिय और प्रबुद्ध लोग उपस्थित रहे, जिनमें शिवचरण पुरोहित, पवन पुजारी, सुरेंद्र शर्मा डाणिवाले, सुरेंद्र शर्मा भीमसरिया, लीलाधर पुरोहित, नवल जांगिड़, श्रीराम शर्मा, विनोद जांगिड़ और कैलाश जांगिड़ शामिल रहे। सभी ने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया और शिव भक्ति से जुड़े विचारों को सराहा।

शिव पुराण का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
शिव पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। इसमें भगवान शिव की महिमा, लीलाओं, ज्योतिर्लिंगों, भक्ति मार्ग और कर्म-ज्ञान का विस्तृत वर्णन मिलता है। यह ग्रंथ न केवल मोक्ष की कामना रखने वालों के लिए मार्गदर्शक है, बल्कि गृहस्थ जीवन जी रहे भक्तों के लिए भी प्रेरणास्रोत है।
दीपक शुक्ला ने शिव पुराण से मिलने वाले प्रमुख लाभ बताए
- शिव पुराण के पाठ और श्रवण से पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है, जिससे जीवन शुद्ध और सकारात्मक बनता है।
- शिव कृपा से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है।
- निसंतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
- रोग, मानसिक तनाव और जीवन के कष्टों से राहत मिलती है।
- वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है और पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं।
- शिव भक्ति के माध्यम से शिवलोक की प्राप्ति और परम सुख का अनुभव बताया गया है।
- यह ग्रंथ व्यक्ति के चरित्र निर्माण में सहायक होकर त्याग, तपस्या और करुणा जैसे गुणों का विकास करता है।
सनातन संस्कृति के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
झुंझुनूं में आयोजित यह कार्यक्रम केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना को मजबूत करने का प्रयास भी रहा। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे आयोजनों से समाज में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है और युवा पीढ़ी भारतीय संस्कृति से जुड़ती है।





