पाकिस्तान: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव गहराता जा रहा है। पाकिस्तान में युद्ध की आशंका को लेकर बेचैनी चरम पर है, जिसके चलते वहां के नेता और रणनीतिकार बेतुकी रणनीतियां पेश करने लगे हैं। हाल ही में पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी नजम सेठी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने अमेरिका में भारत की कूटनीतिक पकड़ को कम करने के लिए ‘खूबसूरत पाकिस्तानी महिलाओं’ के सहारे की बात कही है।

भारत से डर: आधी रात के हमले की आशंका
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भारतीय सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई जवान घायल हुए। इसके बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में डर का माहौल बन गया है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने सार्वजनिक रूप से दावा किया कि भारत अगले 36 घंटे में सैन्य हमला कर सकता है। यह बयान साफ दिखाता है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना किस स्तर की मानसिक दबाव में हैं।
कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान की नाकामी
भारत द्वारा आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाए जाने के बाद पाकिस्तान कूटनीति के मोर्चे पर सक्रिय होने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने अमेरिका, चीन और अरब देशों से समर्थन की गुहार लगाई है, लेकिन उसे वैसा सहयोग नहीं मिल रहा, जैसी उसे उम्मीद थी। इस निराशा के बीच अब पाकिस्तान के रणनीतिकार विवादित सुझावों की ओर बढ़ रहे हैं।
वायरल वीडियो: नजम सेठी का बयान बना शर्मिंदगी का कारण
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में नजम सेठी को कहते सुना जा सकता है:
“अगर हमें अमेरिका में भारतीय लॉबी का असर कम करना है, तो हमें वहां खूबसूरत पाकिस्तानी महिलाएं भेजनी होंगी जो पब में जा सकें, थिंक टैंक में घुल-मिल सकें और अपनी खूबसूरती और ग्लैमर से अमेरिकी रणनीतिकारों को प्रभावित कर सकें।”
इस बयान ने पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा कर दिया है। आम जनता और महिला संगठनों ने इसे न सिर्फ महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया, बल्कि पाकिस्तान की कूटनीतिक असफलता का प्रमाण भी माना।
महिलाओं के सम्मान पर हमला: पाकिस्तानी समाज में नाराजगी
पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता हिना जिलानी ने इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा:

“यह बयान न सिर्फ महिलाओं का अपमान है, बल्कि पाकिस्तान की विदेश नीति की सोच को भी बदनाम करता है।”
कई अन्य पाकिस्तानी पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी नजम सेठी के बयान को “नैतिक पतन और कूटनीतिक दिवालियापन” का प्रतीक बताया।