Monday, June 16, 2025
Homeदेशशनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने 167 कर्मचारियों को हटाया, 114 मुस्लिमों की...

शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने 167 कर्मचारियों को हटाया, 114 मुस्लिमों की छंटनी पर उठा विवाद, ट्रस्ट ने किया धार्मिक भेदभाव से इनकार

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने हाल ही में एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए कुल 167 कर्मचारियों को सेवा से हटाने की घोषणा की है। हटाए गए कर्मचारियों में से 114 कर्मचारी मुस्लिम समुदाय से संबंधित हैं, जो कि कुल छंटनी का करीब 68% हिस्सा हैं। इस निर्णय ने एक ओर जहां मंदिर प्रबंधन की अनुशासनात्मक प्रक्रिया को उजागर किया है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक भेदभाव को लेकर विवाद को भी जन्म दिया है।

Advertisement's
Advertisement’s

ट्रस्ट की सफाई: प्रदर्शन और अनुपस्थिति वजह

ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) गोरक्षनाथ दरांदले ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी भी प्रकार के धार्मिक आधार पर नहीं की गई है। उनके अनुसार –

“ट्रस्ट के पास 2,400 से अधिक कर्मचारी हैं। इनमें से कई कर्मचारी लंबे समय से कार्य पर नहीं आ रहे थे। उन्हें पहले वेतन रोका गया, नोटिस भेजे गए और बार-बार चेतावनी देने के बाद भी जब सुधार नहीं हुआ, तब यह निर्णय लिया गया।”

दरांदले ने यह भी बताया कि हटाए गए कर्मचारियों को कृषि, कचरा प्रबंधन और शिक्षा विभाग से निकाला गया है। कुछ कर्मचारी पिछले 5 महीनों से अनुपस्थित थे।

छंटनी की प्रक्रिया

यह छंटनी दो चरणों में की गई –

  • पहला चरण: 8 जून 2025
  • दूसरा चरण: 13 जून 2025

इन दोनों चरणों में वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को सेवा से मुक्त किया गया। ट्रस्ट के रिकॉर्ड के अनुसार, इनमें से अधिकांश कर्मचारी 2 से 10 वर्षों तक सेवा में थे।

‘सकल हिंदू समाज’ की चेतावनी और विवाद का आरंभ

इस कार्रवाई से पहले, एक संगठन ‘सकल हिंदू समाज’ ने 14 जून को मंदिर परिसर में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। इस संगठन ने मंदिर परिसर में गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की मांग की थी।

इस पूरे विवाद की पृष्ठभूमि में मई 2025 में वायरल हुआ एक वीडियो भी अहम माना जा रहा है, जिसमें एक व्यक्ति मंदिर में पेंटिंग का काम करते हुए दिखता है, और दावा किया गया कि वह हिंदू नहीं है। यह वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई गई और इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया।

Advertisement's
Advertisement’s

कानूनी और सामाजिक सवाल

हालांकि ट्रस्ट ने यह स्पष्ट किया है कि निर्णय पूरी तरह प्रशासनिक और अनुशासनात्मक है, परंतु कर्मचारियों में से अधिकतर का एक ही समुदाय से होना विवाद की वजह बन रहा है।

कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी कर्मचारी के साथ धार्मिक पहचान के आधार पर अन्याय नहीं हुआ।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!