वाशिंगटन डीसी: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों 24 से 29 दिसंबर तक आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका में हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के नामित उम्मीदवार माइकल वाल्ट्ज से मुलाकात की। यह मुलाकात भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
वाल्ट्ज के साथ बैठक में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर और माइकल वाल्ट्ज ने दोनों देशों के आपसी सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा की। बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा कि वह वाल्ट्ज के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं। विदेश मंत्री ने इस मुलाकात के बाद अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, “आज शाम वाल्ट्ज से मिलकर खुशी हुई। साझेदारी के साथ-साथ मौजूदा वैश्विक मुद्दों पर भी उनके साथ काम करने को उत्सुक हूं।”
ट्रंप प्रशासन के साथ पहली उच्च स्तरीय बैठक
यह बैठक भारत सरकार और आने वाले ट्रंप प्रशासन के बीच पहली सर्वोच्च-स्तरीय व्यक्तिगत मुलाकात थी। 20 जनवरी को वाल्ट्ज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में जेक सुलिवन की जगह लेंगे, जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। माइकल वाल्ट्ज फ्लोरिडा के कांग्रेसी और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं। वह एक सेवानिवृत्त सेना कर्नल हैं, जिन्होंने ग्रीन बेरेट नामक अमेरिकी सेना की विशेष बल इकाई में अपनी सेवाएं दी हैं। 2019 से वह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य हैं।
भारतीय दूतावास के सम्मेलन का समापन
इससे पहले शुक्रवार को, विदेश मंत्री जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास की टीम और महावाणिज्य दूतों के एक महत्वपूर्ण दो दिवसीय सम्मेलन का समापन किया। उन्होंने सम्मेलन में भारतीय कूटनीतिक प्रयासों और रणनीतिक साझेदारी को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
“अमेरिका को लेकर भारत को घबराने की जरूरत नहीं”
जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बाद की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “राष्ट्रपति चुनाव के बाद कई देश अमेरिका की स्थिति को लेकर चिंतित हैं, लेकिन भारत उनमें शामिल नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन तीन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को पहले फोन कॉल किए।