वायनाड उपचुनाव: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच बढ़ती नजदीकियां भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला रही हैं। हाल ही में प्राप्त जानकारी के अनुसार, ममता बनर्जी प्रियंका गांधी के लिए केरल के वायनाड जिले में होने वाले उपचुनाव में प्रचार कर सकती हैं। राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद, प्रियंका गांधी इस सीट से उपचुनाव लड़ने जा रही हैं, और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी इस अभियान में उनका समर्थन कर सकती हैं।
पी चिदंबरम की ममता बनर्जी से सीक्रेट मीटिंग
गुरुवार को कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ममता बनर्जी से एक सीक्रेट मीटिंग की थी। इस मीटिंग का उद्देश्य प्रियंका गांधी के लिए समर्थन जुटाना था। पी चिदंबरम ने ममता बनर्जी से आग्रह किया कि वे प्रियंका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करें, ताकि कांग्रेस और टीएमसी के बीच की दूरियां कम हो सकें। अधीर रंजन चौधरी के बयानों के कारण जो कांग्रेस और टीएमसी के बीच खटास आई थी, उसे पाटने की कोशिश के रूप में यह मीटिंग देखी जा रही है।
कांग्रेस-टीएमसी की पुरानी दूरियां और अधीर रंजन चौधरी का बयान
पश्चिम बंगाल में अलग-अलग चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस और टीएमसी के बीच पहले से ही खटास थी, जिसे अधीर रंजन चौधरी के बयानों ने और बढ़ा दिया। चुनाव प्रचार के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि टीएमसी को वोट देने से बेहतर है भाजपा को वोट देना। इस बयान के बाद दोनों दलों के बीच की दूरियां और गहरी हो गई थीं।
खरगे का बयान और कांग्रेस का रुख
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले में स्पष्ट किया था कि ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन के साथ हैं और अधीर रंजन चौधरी निर्णय लेने वाले नहीं हैं। खरगे ने कहा कि निर्णय कांग्रेस पार्टी और उसके हाईकमान द्वारा लिया जाएगा। अधीर रंजन चौधरी ने इसके जवाब में कहा था कि वे ममता बनर्जी और टीएमसी के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और बंगाल के कार्यकर्ताओं के हित में संघर्ष करते रहेंगे।
राजनीतिक विश्लेषण
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि आगामी उपचुनाव में कांग्रेस और टीएमसी के बीच का तालमेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ममता बनर्जी का प्रियंका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करना इस गठबंधन को और मजबूत कर सकता है, जिसका सीधा प्रभाव लोकसभा चुनाव 2024 पर भी पड़ सकता है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि दोनों पार्टियां भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रही हैं।
कुल मिलाकर, ममता बनर्जी का प्रियंका गांधी के लिए प्रचार करना भारतीय राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकता है और आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।