नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने “वन नेशन-वन इलेक्शन” बिल पर विचार के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया है। इस समिति में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 31 सदस्य शामिल होंगे। इनमें अनुराग ठाकुर और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य प्रमुख सांसदों के नाम शामिल हैं।
जेपीसी में लोकसभा के 21 सदस्य
जेपीसी में लोकसभा के 21 सदस्य हैं, जिनमें विभिन्न दलों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व शामिल है। लोकसभा के सदस्य निम्नलिखित हैं:
- पी.पी. चौधरी
- सी.एम. रमेश
- बांसुरी स्वराज
- पुरुषोत्तमभाई रुपाला
- अनुराग ठाकुर
- विष्णु दयाल राम
- भतृहरि महताब
- संबित पात्रा
- अनिल बलूनी
- विष्णु दत्त शर्मा
- प्रियंका गांधी वाड्रा
- मनीष तिवारी
- सुखदेव भगत
- धर्मेंद्र यादव
- कल्याण बनर्जी
- टी.एम. सेल्वागणपति
- जी.एम. हरीश बालयोगी
- सुप्रिया सुले
- श्रीकांत एकनाथ शिंदे
- चंदन चौहान
- बालशौरी वल्लभानेनी
राज्यसभा के 10 सदस्य
राज्यसभा से 10 सदस्यों को इस समिति में शामिल किया गया है। इन सदस्यों के नाम सरकार द्वारा जल्द घोषित किए जाएंगे। समिति में दोनों सदनों के सदस्यों का संतुलन सुनिश्चित किया गया है।
जेपीसी का कार्यक्षेत्र
जेपीसी का मुख्य उद्देश्य “वन नेशन-वन इलेक्शन” बिल के सभी पहलुओं पर विचार करना और एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करना है। समिति देशभर में चुनाव सुधारों, चुनावी प्रक्रिया के एकीकरण और इससे संबंधित संवैधानिक संशोधनों पर विचार करेगी।
बिल पेश करने की प्रक्रिया
सरकार ने हाल ही में लोकसभा में “वन नेशन-वन इलेक्शन” बिल पेश किया। बिल पेश करने के बाद लोकसभा में इस पर वोटिंग कराई गई, जिसमें बहुमत के साथ बिल को स्वीकृति मिली। इसके बाद इसे विस्तारपूर्वक चर्चा और सुझावों के लिए जेपीसी को भेजा गया।
वन नेशन-वन इलेक्शन: महत्व और चुनौतियां
“वन नेशन-वन इलेक्शन” का मुख्य उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। इससे समय और धन की बचत होने की संभावना है। हालांकि, यह प्रस्ताव कई कानूनी, संवैधानिक और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना कर सकता है। विभिन्न दलों और संगठनों की राय अलग-अलग है, जिससे इस बिल पर सहमति बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य होगा।