वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग, पक्षपात और अतिक्रमण पर नकेल कसने के उद्देश्य से बना कानून
नई दिल्ली: देशभर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग पर रोक लगाने के उद्देश्य से लाया गया वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 अब कानून बन गया है। शनिवार देर रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके साथ ही मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हो गई है।
संसद में मैराथन बहस के बाद विधेयक को मिली मंजूरी
विधेयक पर संसद में लंबी बहस हुई। राज्यसभा में 13 घंटे और लोकसभा में 12 घंटे की मैराथन चर्चा के बाद इसे पारित किया गया। सरकार द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद यह कानून अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है।

विपक्षी दलों ने जताई आपत्ति, सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और AIMIM ने इस विधेयक को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। तीनों दलों ने अलग-अलग याचिकाओं के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी है, जिसे लेकर संवैधानिक बहस तेज हो गई है।
कानून का उद्देश्य: वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी प्रबंधन
नए वक्फ कानून का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में व्याप्त पक्षपात, दुरुपयोग और अवैध अतिक्रमण को समाप्त करना है। सरकार का कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी हितधारकों को सशक्त बनाने के लिए लाया गया है।
पुराना कानून निरस्त, नया प्रावधान लागू
इस विधेयक के लागू होने के साथ ही मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त कर दिया गया है। सरकार ने दावा किया है कि इस नए कानून के ज़रिए वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण, पंजीकरण और विवाद निपटान की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा।

संसद में उठा सियासी पारा
- अमित शाह (गृह मंत्री): उन्होंने लोकसभा में चेतावनी दी कि यह संसद द्वारा पारित कानून है और इसे मानना सबकी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने 2013 में तुष्टीकरण की राजनीति के तहत कठोर वक्फ कानून न बनाया होता, तो आज इसे संशोधित करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।
- असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM अध्यक्ष): विधेयक का विरोध करते हुए उन्होंने इसे मुसलमानों पर हमला बताया और लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी।
- जेपी नड्डा (भाजपा अध्यक्ष): उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने पुराने वक्फ कानून के जरिए भू-माफियाओं को फायदा पहुंचाया।
- किरेन रिजिजू (अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री): उन्होंने कहा कि विपक्षी दल मुस्लिम समाज को भयभीत कर रहे हैं, जबकि भारत दुनिया में अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित देश है।