जबलपुर, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के जबलपुर में प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने वक्फ बोर्ड को लेकर बड़ा बयान दिया है। ठाकुर ने कहा कि यदि देश में वक्फ बोर्ड रहेगा, तो इसके साथ ही सनातन बोर्ड का भी गठन किया जाना आवश्यक है। उन्होंने मांग की कि जितनी जमीन वक्फ बोर्ड के पास है, उतनी ही जमीन सनातन बोर्ड को भी दी जानी चाहिए ताकि संतुलन बना रहे।
देवकीनंदन ठाकुर ने यह भी कहा कि देश की संसद और एयरपोर्ट सहित कई प्रमुख स्थलों की जमीन को वक्फ बोर्ड का हिस्सा होने का दावा किया जा रहा है, जो कि चिंता का विषय है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा, तो आने वाले 10 से 12 वर्षों में वक्फ बोर्ड पूरे देश पर अपने अधिकार का दावा कर सकता है, जो भारतीय समाज के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है।
राजनीतिक पार्टियों को देनी होगी प्रतिक्रिया
कथावाचक देवकीनंदन ने आगे कहा कि सनातन बोर्ड के मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। उन्होंने इस मामले में राजनीतिक समर्थन की भी मांग की है। ठाकुर ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए घोषणा की है कि 16 नवंबर को दिल्ली में एक विशाल धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
धर्म संसद में प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा
इस धर्म संसद में ‘लव जिहाद’, ‘गौ हत्या’, ‘कृष्ण जन्मभूमि की पुनर्प्राप्ति’ सहित कई संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म के अनुयायियों से इस धर्म संसद में बड़ी संख्या में पहुँचने का आह्वान किया है। इसके साथ ही उन्होंने जामा मस्जिद की सीढ़ियों में गड़े भगवान केशव की छवि को वापस लाने का संकल्प लिया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस छवि को किसी भी हालत में वापस लाया जाएगा।
तिरुपति प्रसादम मामले पर प्रतिक्रिया
तिरुपति प्रसादम विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देवकीनंदन ठाकुर ने इसे “100 करोड़ हिंदुओं की हत्या” के समान बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रसाद में चर्बी मिलाकर हिंदुओं के धर्म को भ्रष्ट करने की कोशिश की गई है। इस कृत्य के लिए दोषियों को फांसी या आजीवन कारावास जैसी सख्त सजा देने की माँग भी की।