चिड़ावा: राजस्थान पटवार-कानूनगो संघ के सदस्यों ने गुरुवार को उपखंड अधिकारी डॉ नरेश सोनी को मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन 19 अगस्त को लालसोट तहसील कार्यालय पर अधिवक्ताओं के समूह द्वारा किए गए हमले की घटना से जुड़ा हुआ है। संघ ने घटना को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी, संबंधित थानाधिकारी के निलंबन और सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
लालसोट में तहसीलदार पर हमला, गुस्से में संघ
लालसोट तहसील में तहसीलदार अमितेश मीणा और उनके स्टाफ पर अधिवक्ताओं के समूह ने कथित रूप से हमला किया था। इस दौरान कार्यालय में धक्का-मुक्की, सरकारी दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाने और मारपीट जैसी घटनाएं हुईं। पटवार-कानूनगो संघ ने इस मामले को गंभीर अपराध करार दिया और कहा कि यह न केवल राजकाज में बाधा है, बल्कि लोकतंत्र की प्रशासनिक रीढ़ पर हमला है।
ज्ञापन में उठी मांग – दोषियों की गिरफ्तारी और पुलिस पर कार्रवाई
संघ ने मुख्य सचिव को सौंपे ज्ञापन में कहा कि एफआईआर दर्ज करने में सात घंटे की देरी करने वाले थानाधिकारी को निलंबित किया जाए और दोषी पुलिस अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई हो। संघ ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार नहीं किया गया तो 22 अगस्त से राज्यभर में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा।
राजकीय कार्यालयों की सुरक्षा पर सवाल
ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि राजकीय कार्यालयों तक असुरक्षित हो जाने की स्थिति चिंताजनक है। तहसीलदार न केवल राजस्व अधिकारी हैं बल्कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट भी होते हैं। उन पर हमला कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था पर सीधा हमला है। संघ ने मांग की कि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
इन्होंने सौंपा ज्ञापन
ज्ञापन देने वालों में जयपाल सिंह पटवारी चिड़ावा, रवि पटवारी, अरुण सिंह पटवारी चनाना, बुलेश कुमार ऑफिस कानूनगो चिड़ावा, गोपाल कुमार पटवारी शामिल रहे।