चिड़ावा: राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की ओर से शिक्षकों की लंबित समस्याओं के समाधान में सरकार की उदासीनता के विरोध में मंगलवार को एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को सौंपा गया।
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार को कई बार शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण को लेकर अवगत कराया गया, लेकिन न तो न्यायालय के आदेशों की पालना हो रही है और न ही विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति समेत अन्य मांगें पूरी की जा रही हैं। इससे शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है।
ज्ञापन में कहा गया कि अगर जल्द मांगे पूरी नहीं की गईं तो संगठन आंदोलन के लिए विवश होगा। संगठन ने चेताया कि सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो व्यापक स्तर पर शिक्षकों का प्रदर्शन किया जाएगा।
ज्ञापन में मुख्य रूप से पांच प्रमुख मांगें रखी गई हैं। इनमें शामिल हैं कि शिक्षा विभाग में समस्त संवर्गो के स्थानान्तरण से प्रतिबन्ध हटाकर स्थानान्तरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की जावे। शिक्षकों के सभी स्तर की पदौन्नतियों लम्बित है, समयबद्ध कार्यक्रम तय कर शीघ्र प्रक्रिया पूर्ण हो, न्यायालय में लम्बित तृतीय वेतन श्रृंखला के शिक्षकों की पदौन्नति पर विधि एवं शिक्षा विभाग को त्वरित निस्तारण करवाने के निर्देश प्रदान करावे। राज्य के सभी विद्यालयों में रिक्त पदों को तत्काल भरा जावे। शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए शिक्षकों को समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जावे एवं ऐसे कार्य जो शिक्षण व्यवस्था से सम्बधिंत नहीं है में न्यूनता रहने पर शिक्षकों पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जावे। छठें एवं सातवें वेतन आयोग की मंशानुरूप वेतनमान देकर तृतीय श्रेणी एवं प्रबोधकों की वेतन विंसगति को दूर किया जावे।
इस दौरान शिक्षक संघ के जिला सभाध्यक्ष प्रदीप मोदी, उपशाखा अध्यक्ष आनंद झाझड़िया, मंत्री सज्जन पचार, ब्लॉक साक्षरता अधिकारी सुनीता हलवान, जगदीश प्रसाद, लीलाधर सैनी, सुरेश शर्मा, विजय सिंह शेखावत, मंजू कुमारी, कुसुमलता, हेमराज मीणा, चेतन मीणा सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे जिन्होंने ज्ञापन के माध्यम से शिक्षा विभाग की अनदेखी पर नाराजगी जताई।