कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में सियालदह कोर्ट ने मुख्य आरोपित संजय रॉय को दोषी करार दिया है। इस जघन्य अपराध के खिलाफ 20 जनवरी को विशेष अदालत में सजा का ऐलान किया जाएगा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत में यह निर्णय सुनाया गया। मामले में मुकदमा शुरू होने के 59 दिन बाद यह फैसला आया है।
59 दिनों में तय हुआ मुकदमा
इस मामले की सुनवाई 11 नवंबर से शुरू हुई थी, और 20 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। पश्चिम बंगाल के हाई कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस कांड की जांच की और मुख्य आरोपित के खिलाफ पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया था।

सेमिनार हॉल में मिला था शव
पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के आपातकालीन विभाग की चौथी मंजिल पर स्थित सेमिनार हॉल से पीड़िता का शव बरामद हुआ था। घटना के तुरंत बाद सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय को सेमिनार हॉल में प्रवेश करते हुए देखा गया था। घटनास्थल से उसका हेडफोन भी बरामद किया गया था, जो उसके खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत बना।
फांसी की सजा की मांग
सीबीआई ने अदालत में यह दावा किया कि संजय रॉय ही इस जघन्य अपराध का एकमात्र दोषी है और उसके लिए फांसी की सजा की मांग की है। सीबीआई के आरोपपत्र में कहा गया कि सभी सबूत और गवाहियां रॉय को अपराधी सिद्ध करते हैं।
पीड़िता के परिवार ने जताई असहमति
पीड़िता के माता-पिता ने अदालत में कहा है कि इस अपराध में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं और जांच अधूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य आरोपित अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं और सीबीआई को इस पर गहराई से जांच करनी चाहिए।
देशभर में फैला आक्रोश
इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया था। सैकड़ों लोगों ने कोलकाता की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर और चिकित्साकर्मी शामिल थे। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठे और सरकारी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े किए गए।
अगली सुनवाई
20 जनवरी को अदालत इस मामले में सजा का ऐलान करेगी। इस फैसले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह मामला महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था के प्रति एक अहम मिसाल बनेगा।