रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने रूसी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि पुतिन चाहते हैं कि दोनों देशों की सीमा मौजूदा स्थिति में ही बनी रहे। इसका मतलब है कि रूस ने यूक्रेन के जिन इलाकों पर कब्जा कर लिया है, वे अब रूस का ही हिस्सा बने रहें।
युद्ध विराम के संकेत
पुतिन के साथ काम कर चुके एक व्यक्ति ने बताया कि पुतिन जितने चाहें उतने समय तक लड़ सकते हैं, लेकिन वे युद्ध विराम के लिए भी तैयार हैं। एक अन्य सूत्र ने बताया कि अब रूस के पास क्रीमिया तक जमीनी रास्ते की पहुंच है। यदि मौजूदा बॉर्डरलाइन को लेकर सहमति बन जाती है, तो रूसी इसे अपनी जीत समझेंगे। वे यह कह सकते हैं कि पश्चिम के हमलों के बावजूद उन्होंने अपनी संप्रभुता बनाए रखी।
क्रेमलिन का बयान
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रॉयटर्स से कहा कि पुतिन ने बार-बार यह जताया है कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं और लंबे समय तक युद्ध नहीं चाहते हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति का रुख
हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पुतिन की शर्तों पर किसी भी शांति समझौते को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने रूसी सेना द्वारा कब्जा किए गए यूक्रेनी इलाकों को फिर से हासिल करने की कसम खाई है, जिसमें क्रीमिया भी शामिल है जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था।
खार्किव में नए आक्रमण
इसी महीने की शुरुआत में रूस ने उत्तर-पूर्वी यूक्रेन के खार्किव क्षेत्र में एक नया आक्रमण शुरू किया था। 10 मई को रूसी सेना खार्किव में एक किलोमीटर तक अंदर घुस गई। इसके बाद जेलेंस्की ने सेना को यूक्रेनी नागरिकों को बाहर निकालने का आदेश दिया और सभी रिजर्व सैनिकों को वापस बुला लिया ताकि उन्हें खार्किव में तैनात किया जा सके।
खार्किव की रणनीतिक अहमियत
खार्किव रूस की सेना के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2022 में उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था। रूस अब हर हाल में खार्किव पर जीत हासिल करना चाहता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का दो साल
24 फरवरी 2024 को रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल पूरे हो गए। दो साल पहले इसी दिन राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर हमला किया था, जिसे उन्होंने मिलिट्री ऑपरेशन बताया था। इस हमले में अब तक 40 लाख से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों को देश छोड़ना पड़ा है और 65 लाख से ज्यादा लोग देश में ही बेघर हो गए हैं।
युद्ध का मानवीय संकट
युद्ध में यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है और 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस ने 3.92 लाख सैनिक गंवा दिए हैं। अमेरिका ने रूस की 500 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और रूस ने भी यूरोपियन यूनियन (EU) की कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।