नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों ही जगह से उन्हें जीत मिली। अब उन्होंने उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया है और वायनाड सीट छोड़ दी है।
भावनात्मक जुड़ाव के कारण कठिन निर्णय
राहुल गांधी ने इस फैसले को बेहद ही मुश्किल बताया। उन्होंने कहा, “रायबरेली और वायनाड की जनता से मेरा दिल से लगाव है। मेरे लिए फैसला करना बेहद ही मुश्किल था। प्रियंका गांधी अब वायनाड से चुनाव लड़ेंगी लेकिन मैं भी वहां पर जाता रहूंगा। जो वादे हमने वायनाड के लिए किए थे, उनको हम पूरा करेंगे। रायबरेली से मेरा दिल का रिश्ता है। वायनाड के लोग सोच सकते हैं कि उनके पास संसद के 2 सदस्य हैं, एक मेरी बहन हैं और दूसरा मैं हूं। वायनाड के लोगों के लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले हैं, मैं वायनाड के हर एक व्यक्ति से प्यार करता हूं।”
प्रियंका गांधी का वायनाड से चुनाव लड़ने का निर्णय
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस निर्णय पर अपनी खुशी जाहिर की और कहा, “मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हूं और मैं उन्हें उनकी (राहुल गांधी) अनुपस्थिति महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और मैं सभी को खुश करने और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी। रायबरेली और अमेठी से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में अपने भाई की भी मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।”
वायनाड और रायबरेली के प्रति प्रतिबद्धता
राहुल गांधी ने कहा, “मेरा वायनाड और रायबरेली से भावनात्मक जुड़ाव है। मैं पिछले 5 सालों से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं भी समय-समय पर वायनाड का दौरा करूंगा। रायबरेली से मेरा पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन फैसला था।”
प्रियंका गांधी का समर्थन
प्रियंका गांधी ने वायनाड के लोगों को भरोसा दिलाया कि वे उन्हें राहुल गांधी की अनुपस्थिति महसूस नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि वे कड़ी मेहनत करेंगी और एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करेंगी। रायबरेली और अमेठी से उनके पुराने रिश्ते को भी उन्होंने महत्व दिया और कहा कि वे रायबरेली में अपने भाई की मदद करती रहेंगी।