न्यायालय परिसर चिड़ावा में आयोजित लोक अदालत में आपसी सहमति से मामलों का समाधान
चिड़ावा, 9 मार्च: शहर के न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 238 मामलों का निस्तारण किया गया। यह आयोजन अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश योगेश जोशी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। लोक अदालत में आपसी सहमति और राजीनामे के आधार पर मामलों का समाधान किया गया, जिसमें कुल ₹54 लाख के अवार्ड पारित किए गए।
विभिन्न मामलों में जारी हुए अवार्ड
इस लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें शामिल हैं—
- क्लेम मामलों में ₹45 लाख की राशि के अवार्ड पारित हुए।
- बैंक और बिजली विभाग से जुड़े 198 प्रकरणों में ₹21,03,553 का समाधान किया गया।
- बैंक लोन मामलों में ₹2,99,000 की राशि निपटाई गई।
- चेक अनादरण से संबंधित 8 मामलों में ₹5,42,338 की राशि का राजीनामा हुआ।
लोक अदालत में न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर तालुका विधिक सेवा समिति के सदस्य संदीप मीणा, बंटी कुमारी, राजकुमार लांबा और रामगोपाल दाधीच उपस्थित रहे।
इसके अलावा, बिजली विभाग और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े कई अधिकारी और अधिवक्तागण भी मौजूद रहे—
- अधिवक्ता राकेश आर्य, रॉबिन शर्मा, अभिषेक महमिया, संजय गोयल और रतन।
- बिजली विभाग से सहायक अभियंता आजाद सिंह, अधिशासी अभियंता सुरेंद्र धनकड़, सहायक अभियंता माया लाल (सुल्ताना), नरेंद्र सैनी (चनाना), सुरेंद्र, अशोक, विकास शर्मा, राजवीर, दिलीप, संतोष और सुलेन्द्र।
- यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक भूपेंद्र यादव, प्रशांत शर्मा, गिरधारी सोनी, राजेश भाटिया।
- अन्य अधिवक्ता और अधिकारी— खादिम हुसैन, निहाल सिंह, दीपक स्वामी, भीमसिंह सैनी, विजय डाबला और दर्शन लमोरिया।
आपसी सहमति से विवादों के निपटारे को मिली प्राथमिकता
लोक अदालत में आपसी सहमति के आधार पर मामलों का निस्तारण किया गया, जिससे विवादों का त्वरित समाधान संभव हुआ। न्यायाधीशों और विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों ने पक्षकारों को समझाइश देकर सहमति से मामलों को सुलझाने की पहल की।
लोक अदालत से विवाद समाधान की प्रक्रिया को मिली गति
न्यायिक अधिकारियों ने लोक अदालत की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रणाली त्वरित और सौहार्दपूर्ण समाधान का माध्यम है। इस अदालत में मामलों का निपटारा बिना लंबी न्यायिक प्रक्रिया के, शीघ्र और सुलह-समझौते के आधार पर किया जाता है। आयोजकों ने आम नागरिकों से लोक अदालत के माध्यम से विवाद सुलझाने की अपील की।