नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजमार्गों पर सफर करने वालों के लिए एक बुरी खबर है। सरकार ने टोल दरों में 10 से 30 रुपये तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। अनुबंध शर्तों के अनुसार यह वृद्धि की जाएगी। कार, जीप और अन्य हल्के वाहनों (LMV) के लिए टोल दर में 10 रुपये, ट्रक और बसों के लिए 20 रुपये और भारी वाहनों के लिए 30 रुपये तक की वृद्धि प्रस्तावित है।
चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) को इस प्रस्ताव पर फैसला लेना बाकी है। MORTH से प्रस्ताव मंजूर होने के बाद 31 मार्च मध्यरात्रि से बढ़ी हुई टोल दरें लागू हो जाएंगी।
राजस्थान में कुल 95 राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजा हैं। जयपुर-सीकर और दिल्ली हाईवे पर टोल दरों में वृद्धि होने की संभावना है। कुछ टोल प्लाजा पर 1 जुलाई से बढ़ी हुई टोल दरें लागू होंगी।
टोल दरों में वृद्धि के पीछे कारण:
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव की लागत में वृद्धि।
मुद्रास्फीति के कारण टोल दरों में समायोजन।
टोल प्लाजा पर लेनदेन को अधिक कुशल और सुविधाजनक बनाने के लिए तकनीकी उन्नयन।
टोल दरों में वृद्धि का प्रभाव:
- यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
- माल ढुलाई की लागत में वृद्धि होगी।
- पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सरकार का तर्क:
- टोल दरों में वृद्धि से राष्ट्रीय राजमार्गों के बेहतर रखरखाव में मदद मिलेगी।
- इससे सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा।
- टोल प्लाजा पर लेनदेन को अधिक कुशल और सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का मत:
टोल दरों में वृद्धि से यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, लेकिन यह राष्ट्रीय राजमार्गों के बेहतर रखरखाव के लिए आवश्यक है।
सरकार को टोल दरों में वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए, जैसे कि कम आय वाले लोगों के लिए सब्सिडी प्रदान करना
अंतिम टिप्पणी:
टोल दरों में वृद्धि यात्रियों के लिए एक बुरी खबर है, लेकिन यह राष्ट्रीय राजमार्गों के बेहतर रखरखाव के लिए आवश्यक है। सरकार को टोल दरों में वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय करने चाहिए।