वायरल वीडियो: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से टेबल और कुर्सियां साफ करता नजर आ रहा है। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले का डिप्टी रजिस्ट्रार है। वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर दौड़ गई है और कई यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए इस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सोशल मीडिया पर आक्रोश और कड़ी कार्रवाई की मांग
वायरल वीडियो पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कई यूजर्स ने इस वीडियो को अपलोड करते हुए संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोटन राम निषाद नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “इस वीडियो को शेयर करो जब तक इसकी अकड़ खत्म न हो जाए। ये राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रहा है।” वहीं, सुरेंद्र तिवारी ने आंध्र प्रदेश सरकार से वीडियो की सत्यता जांचकर संबंधित अधिकारी को सस्पेंड और गिरफ्तार करने की मांग की। एक अन्य यूजर ने इसे “निंदनीय और बर्दाश्त से बाहर” बताया और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
ये अनंतपुर डिप्टी रजिस्ट्रार हैं… शेयर करो जब तक इसकी अकड़ कम न हो जाए, देखो कैसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रहा है।यह अनंतपुर सम्भवतः आंध्रप्रदेश का है। एक अधिकारी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का इस तरह अपमान चिंताजनक है। pic.twitter.com/3AbDrt4T6r
— Lautan Ram Nishad (@LautanRamNish) January 2, 2025
क्या है वीडियो की असली सच्चाई?
इस वायरल वीडियो की जांच में यह पाया गया कि यह घटना आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की नहीं, बल्कि ओडिशा के सिमली पंचायत की है। वीडियो में दिखाई दे रहा व्यक्ति कोई डिप्टी रजिस्ट्रार नहीं, बल्कि पंचायत का एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, प्रशांत कुमार स्वैन है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वीडियो लगभग दो साल पुराना है और उस समय इस घटना को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। इसके बाद प्रशांत कुमार स्वैन ने माफी मांगते हुए कहा था कि काम के दबाव के चलते यह गलती हुई और भविष्य में ऐसी गलती नहीं होने का वादा किया था।

माफी के बावजूद कानूनी कार्रवाई
इस विवाद के बाद प्रशांत कुमार स्वैन के खिलाफ ओडिशा के पुरी जिले के कोनार्क पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। उस पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत केस दर्ज किया गया और उसे गिरफ्तार भी किया गया। माफी मांगने के बावजूद यह मामला कानूनी रूप से गंभीरता से लिया गया था और उसने यह सुनिश्चित किया था कि भविष्य में ऐसा कोई कृत्य नहीं होगा।
राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान सर्वोपरि
हालांकि वीडियो की सच्चाई सामने आ चुकी है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। यह घटना यह स्पष्ट करती है कि राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। तिरंगे का अपमान न केवल हमारे राष्ट्रीय गौरव को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह एक घातक संकेत भी है। ऐसे मामलों में गलती को सुधारने और भविष्य में इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।