अयोध्या, उत्तर प्रदेश: राम नगरी अयोध्या एक बार फिर आध्यात्मिक उल्लास और सांस्कृतिक चेतना से ओतप्रोत हो गई है। राम मंदिर में आज से शुरू हुआ तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एक ऐतिहासिक अध्याय लिखने जा रहा है। इस महाआयोजन के अंतर्गत राम दरबार सहित अन्य नवनिर्मित मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक विधि-विधान से की जाएगी।
5 जून को आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में राम दरबार (श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान) की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर के सात अन्य देवालयों में भी देव प्रतिमाओं की स्थापना होगी। इस शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

वैदिक विधियों से शुरू हुआ पूजन-अनुष्ठान
आज 3 जून की सुबह से राम जन्मभूमि परिसर में पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, यज्ञ मंडप पूजन, ग्रह योग, अग्निस्थापन, वन-कर्म कुटी पूजन और जलाधिवास जैसे वैदिक अनुष्ठानों की शुरुआत हुई। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राम दरबार समेत सभी मंदिरों की मूर्तियों का शुद्धिकरण विधिवत किया गया।
इस प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की अगुवाई काशी के प्रसिद्ध यज्ञाचार्य जयप्रकाश कर रहे हैं। उनके निर्देशन में 101 वैदिक आचार्य वैदिक मंत्रों और यज्ञ परंपरा के अनुसार आयोजन को पूर्णता प्रदान कर रहे हैं।
1975 मंत्रों के साथ अग्निहोत्र, भक्ति पाठ का आयोजन
मंगलवार और बुधवार को प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे से 12 घंटे तक विविध धार्मिक अनुष्ठान होंगे। इनमें 1975 वैदिक मंत्रों के साथ अग्निहोत्र, रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्ति गीतों का गान किया जाएगा, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिरस में सराबोर हो उठा है।
बुधवार को होंगे विशेष पूजन
4 जून को, महोत्सव के दूसरे दिन वेदी पूजन, षोडश मात्रिका पूजन, सप्त मात्रिका पूजन, योगिनी पूजन, वास्तु पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, नवग्रह पूजन और सर्वतोभद्र पूजन के साथ-साथ यज्ञकुंड में अग्नि स्थापन और अरणि मंथन होगा।
अन्य अनुष्ठानों में कुश कंडिका, प्रणिता प्रोक्षणी स्थापन और पंच वारुणी हवन से देवताओं का आह्वान किया जाएगा। इसके पश्चात मूर्तियों के संस्कार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की सुविधा यथावत जारी रहेगी।

5 जून को ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह
5 जून का दिन अयोध्या और सम्पूर्ण भारत के लिए गौरव का क्षण होगा। इस दिन राम दरबार की मुख्य प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही सात अन्य देवालयों में देव प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा की जाएगी।
इस आयोजन में 125 यज्ञाचार्य और वैदिक आचार्य भाग लेंगे, जो वैदिक विधियों से देवताओं को मूर्तियों में प्रतिष्ठित करेंगे। समारोह को संक्षिप्त और अनुशासित स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देशभर से संत, महंत और प्रमुख धार्मिक व्यक्तित्व सम्मिलित होंगे।
श्रद्धालुओं में दिखा अद्वितीय उत्साह
राम मंदिर में चल रहे इस अद्वितीय अनुष्ठान को देखने और उसका भाग बनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। पूरे नगर में भक्ति का वातावरण व्याप्त है, मंदिर परिसर को भव्य पुष्पों और पारंपरिक सजावटी सामग्रियों से सजाया गया है।
श्रद्धालुओं ने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म की गहराइयों को पुनर्जीवित करने वाला है।