Thursday, November 20, 2025
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राजीविका के ‘दाग’ धोने की कवायद, 10 नवंबर के एसीबी ट्रैप के बाद BPM रेणुका और LRP धर्मेंद्र पर एक्शन

झुंझुनू: चिड़ावा ब्लॉक के राजीविका संगठन में सामने आए भ्रष्टाचार मामले में विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी और सख्त कार्रवाई की है। 10 नवंबर को रिश्वत लेते पकड़े गए चिड़ावा ब्लॉक की ब्लॉक परियोजना प्रबंधक (BPM) रेणुका और सुलताना क्लस्टर के स्थानीय संसाधन व्यक्ति (LRP) धर्मेंद्र पर गाज गिरी है। एसीबी की कार्रवाई के बाद राजीविका के जिला परियोजना प्रबंधक विप्लव न्यौला ने तुरंत एक्शन लेते हुए एक कड़ा संदेश दिया है। यह कार्रवाई स्पष्ट करती है कि सरकारी योजना में अनियमितता और भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में धर्मेंद्र की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है, जबकि रेणुका की सेवा समाप्ति की अनुशंसा राज्य मिशन निदेशक को भेजी गई है।

राजीविका चिड़ावा ब्लॉक में रिश्वत प्रकरण सामने आने के बाद जिला स्तर पर बड़ी कार्रवाई हुई है। एसीबी ट्रैप के बाद जिला परियोजना प्रबंधक विप्लव न्यौला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एसीबी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट मिलते ही संगठन ने भ्रष्टाचार में सीधे लिप्त कर्मियों पर कड़ा रुख अपनाया।

इस प्रकरण में रंगे हाथ पकड़े गए सुलताना क्लस्टर के LRP धर्मेंद्र के खिलाफ राजीविका ने त्वरित एक्शन लिया है। धर्मेंद्र की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। यह निर्णय प्रेरणा राजीविका महिला सर्वांगी विकास सहकारी समिति लिमिटेड, सुल्ताना के प्रबंधक को क्लस्टर लेवल पर नियुक्त धर्मेंद्र को हटाने के निर्देश जारी करने के बाद लिया गया। संगठन ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को सेवा में नहीं रखा जाएगा।

एसीबी द्वारा पकड़ी गई दूसरी आरोपी, चिड़ावा ब्लॉक की BPM रेणुका के खिलाफ भी विभाग ने बेहद सख्त कदम उठाया है। विभाग ने रेणुका की सेवा समाप्ति की अनुशंसा राज्य मिशन निदेशक को भेज दी है। जिला परियोजना प्रबंधक विप्लव न्यौला द्वारा मिशन निदेशक को भेजी गई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि रेणुका पिछले लगभग 1 साल से लगातार कार्य में लापरवाही बरत रही थी। रिपोर्ट में विभाग द्वारा रेणुका को जारी किए गए लगभग आधा दर्जन नोटिसों का भी उल्लेख किया गया है। कई बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद उनके कामकाज में सुधार नहीं दिखा था।

रेणुका के खिलाफ आंतरिक स्तर पर भी कई शिकायतें थीं। रिपोर्ट में क्लस्टर प्रबंधन में अनियमितता, समूह बैठकों में गैर-जिम्मेदारी, समय पर प्रगति रिपोर्ट नहीं सौंपना और क्षेत्रीय निरीक्षण में लापरवाही जैसे गंभीर मुद्दों को कई बैठकों में उठाया गया था। राजीविका संगठन पहले ही उनकी कार्यशैली को लेकर सख्त था, और अब रिश्वत प्रकरण में पकड़े जाने के बाद उनकी सेवा समाप्ति लगभग तय मानी जा रही है।

यह पूरा मामला 10 नवंबर को सामने आया, जब एसीबी की टीम ने ट्रैप कार्रवाई करते हुए सुलताना क्लस्टर में कार्यरत LRP धर्मेंद्र और BPM रेणुका को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के तुरंत बाद जिले की राजीविका टीम हरकत में आई। विप्लव न्यौला ने मामले की जांच के लिए एसीबी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी और रिपोर्ट मिलते ही यह कार्रवाई शुरू की गई।
महिला अधिकारिता विभाग और राजीविका की ओर से इस कार्रवाई को एक कड़ा संदेश माना जा रहा है कि संगठन में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है। विप्लव न्यौला ने कहा कि विभाग की ओर से एसीबी की कार्रवाई मिलते ही आवश्यक कदम उठाए गए हैं और जो भी कर्मचारी या कार्मिक संगठन की छवि को नुकसान पहुंचाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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