राजस्थान में पिछले तीन दिनों में सांप्रदायिक तनाव के तीन प्रमुख मामले सामने आए हैं, जिसने राज्य की शांति और गंगा-जमुना तहजीब वाली पहचान पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। 19, 20 और 21 जून को किशनगढ़, पाली और जोधपुर में भड़के सांप्रदायिक विवादों ने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को झकझोर कर रख दिया है। आइए, इन घटनाओं की पूरी कहानी और उनके पीछे के कारणों पर विस्तृत दृष्टि डालते हैं।
21 जून: जोधपुर
जोधपुर के सूरसागर इलाके में 21 जून की रात एक ईदगाह के गेट खोले जाने को लेकर विवाद भड़का। राजाराम सर्किल के पास ईदगाह के पीछे की तरफ बनाए जा रहे गेट को लेकर विवाद हुआ। 15 साल पहले इस गेट के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन इस बार समझौते को तोड़ा गया।
हनुमान मंदिर के सामने ईदगाह का गेट खोलने की खबर से हिंदू समाज के लोग विरोध में उतर आए। दोनों समुदायों के बीच पत्थरबाजी हुई, जिसमें एक दुकान और एक ट्रैक्टर को आग लगा दी गई। जोधपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार यादव ने बताया कि इस तनाव में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुल 200 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
20 जून: पाली
पाली जिले में 20 जून की रात को पशुओं के कटे सिर के अवशेष मिलने से सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। हिंदू संगठनों ने जयपुर-जोधपुर मार्ग को ब्लॉक करके विरोध प्रदर्शन किया। भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा ने बताया कि हिंदू संगठनों का दावा था कि यह गाय के कंकाल हैं, लेकिन जांच के बिना यह स्पष्ट नहीं था। इस घटना ने पाली में रातभर तनाव बनाए रखा और पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी।
19 जून: किशनगढ़, अजमेर
अजमेर के किशनगढ़ में 19 जून को सांप्रदायिक तनाव उस समय भड़क उठा जब सब्जी मंडी में मांस फेंके जाने की सूचना मिली। एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक स्कूटी सवार शख्स सब्जी मंडी में मांस फेंकता दिखाई दिया। इस घटना ने हिंदूवादी संगठनों को उकसाया और वे विरोध प्रदर्शन करते हुए बाजार बंद कराने लगे।
पुलिस पर पथराव भी हुआ, जिसमें एक डीएसपी की गाड़ी का ड्राइवर घायल हो गया। जांच के दौरान, गांधीनगर किशनगढ़ निवासी बुंदू खान को हिरासत में लिया गया। बुंदू ने बताया कि वह बकरीद पर कुर्बानी के बाद मांस के टुकड़े लेकर जा रहा था, जो गलती से गिर गए थे। जांच में पुष्टि हुई कि मांस भैंस का था, न कि गाय का। बावजूद इसके, अफवाहों ने माहौल को और बिगाड़ दिया।
तनाव बढ़ने के संभावित कारण
इन घटनाओं के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि राजस्थान में अचानक ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?
- अफवाहें और सोशल मीडिया: अफवाहों का तेजी से फैलना और सोशल मीडिया पर वायरल सामग्री ने इन घटनाओं को भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- राजनीतिक कारण: लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश की 11 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, जिससे इन घटनाओं को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है।
- सांप्रदायिक तनाव: ये घटनाएं उन शहरों में घटी हैं जहां भाजपा ने चुनाव जीता है, जिससे सांप्रदायिक तनाव के पीछे राजनीतिक मंसूबे होने की आशंका जताई जा रही है।