झुंझुनू, 21 मार्च 2025: राजस्थान में एकात्म अभियान पूरे उत्साह और प्रेम के साथ संचालित किया जा रहा है। यह अभियान गांव-गांव तक ध्यान साधना और प्राणाहुति जैसी प्राचीन भारतीय विधाओं का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
झुंझुनू जिले में इस अभियान का नेतृत्व जंगवीर कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य ध्यान की प्रक्रिया को सरलता से लोगों तक पहुंचाना है। इस अभियान के माध्यम से प्राणाहुति की विशेषता और लाभों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्राणाहुति, जिसे योगिक संचरण भी कहा जाता है, भगवान श्री रामचंद्र की राजयोग पद्धति का अभिन्न अंग है। यह ध्यान साधना की एक विशिष्ट प्रक्रिया है, जो आंतरिक शांति और मानसिक स्फूर्ति प्रदान करती है। हालांकि यह प्राचीन पद्धति समय के साथ लुप्त हो गई थी, लेकिन अब इसे हार्टफुलनेस ध्यान के माध्यम से पुनर्जीवित किया जा रहा है।
एकात्म अभियान के लाभ
ध्यान करने की प्रक्रिया: सरल और प्रभावी ध्यान पद्धति का अभ्यास
प्राणाहुति का अनुभव: ऊर्जा संचारित करने की योगिक प्रक्रिया
आत्म-अनुभूति और मानसिक शांति: नियमित अभ्यास से मानसिक संतुलन और आत्मिक उन्नति

एकात्म अभियान के माध्यम से लोग आत्मिक शांति और मानसिक स्पष्टता प्राप्त कर रहे हैं। झुंझुनू सहित पूरे राजस्थान में यह अभियान सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहा है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस अभियान में उत्साह और प्रेम के साथ भाग लें और ध्यान साधना के अनुभव से लाभान्वित हों।