मुंबई: देश के मशहूर उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 10 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। रतन टाटा न केवल अपने व्यावसायिक योगदान के लिए प्रसिद्ध थे, बल्कि उन्होंने अपने सामाजिक कार्यों और देशहित में किए गए योगदानों से लाखों लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी। उनके अचानक निधन से जहां पूरा देश दुर्गा पूजा की तैयारी कर रहा था, वहीं यह खबर एक बड़ा धक्का साबित हुई।
सिमी गरेवाल ने दी भावुक विदाई
रतन टाटा के निधन से उनके करीबी मित्र और प्रसिद्ध अभिनेत्री सिमी गरेवाल भी गहरे शोक में डूब गई हैं। सिमी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर एक भावुक पोस्ट के जरिए रतन टाटा को अंतिम विदाई दी। उन्होंने लिखा, “वे कहते हैं कि तुम चले गए… तुम्हारा नुकसान सहन करना बहुत मुश्किल है… अलविदा मेरे दोस्त… रतन टाटा।” सिमी गरेवाल का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी भावुक प्रतिक्रिया प्राप्त कर रहा है, जिसमें उनकी और रतन टाटा की गहरी दोस्ती को याद किया जा रहा है।
रतन टाटा और सिमी गरेवाल की पुरानी दोस्ती
सिमी गरेवाल और रतन टाटा के बीच लंबे समय से मित्रता रही है। 2011 में एक इंटरव्यू में सिमी ने रतन टाटा के साथ अपने रिश्ते की बात स्वीकार की थी। उन्होंने कहा था, “रतन और मैं बहुत पीछे तक साथ रहे हैं। वह एक परफेक्ट जेंटलमैन हैं, विनम्र हैं और उनमें ह्यूमर की गहरी समझ है। पैसा कभी भी उनकी प्रेरणा नहीं रहा।” यह बयान उनके बीच के गहरे संबंधों की पुष्टि करता है, जो समय के साथ और भी मजबूत हुआ।
रतन टाटा: व्यवसाय और समाज के प्रतीक
रतन टाटा का जीवनकाल कई ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा। उन्होंने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और देश को एक नई दिशा देने का कार्य किया। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने न केवल व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता हासिल की बल्कि समाज कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उन्होंने क्रांतिकारी परिवर्तन किए।
निधन से पहले की स्वास्थ्य स्थिति
रतन टाटा की सेहत को लेकर हाल ही में कई अफवाहें सोशल मीडिया पर फैली थीं। हालांकि, उन्होंने खुद इन अफवाहों का खंडन करते हुए कहा था कि यह सिर्फ एक सामान्य मेडिकल जांच थी, जो उनकी उम्र से संबंधित थी। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि उनके स्वास्थ्य को लेकर गलत जानकारी न फैलाएं। लेकिन 10 अक्टूबर 2024 को उनके निधन की पुष्टि हो गई, जिससे देशभर में शोक की लहर फैल गई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, रतन टाटा की हालत कुछ दिनों से गंभीर थी और वह आईसीयू में भर्ती थे। मुंबई के एक अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन से देश ने एक ऐसे व्यक्तित्व को खो दिया है, जिसने अपने कार्यों से भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोक
रतन टाटा के निधन पर न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शोक व्यक्त किया जा रहा है। उद्योग जगत, राजनीति, और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए रतन टाटा के योगदान को सराहा। प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं ने भी उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की।
अंतिम संस्कार की तैयारी
रतन टाटा के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं। उनके पार्थिव शरीर को मुंबई में टाटा ग्रुप के मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां देशभर से लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उनका अंतिम संस्कार पारिवारिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा।