Friday, November 22, 2024
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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम: सरकार ने एचएएल को 45 हजार करोड़ रुपये का टेंडर दिया, 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदेगी

नई दिल्ली, 18 जून 2024: भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। इसी क्रम में, सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को रक्षा मंत्रालय से 45 हजार करोड़ रुपये का बड़ा टेंडर मिला है। यह टेंडर 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (एलसीएच) की खरीद के लिए है।

थलसेना और वायुसेना को मिलेंगे हेलीकॉप्टर

इन 156 हेलीकॉप्टरों में से 90 थलसेना और 66 वायुसेना को मिलेंगे। एलसीएच, जिसे ‘प्रचंड’ के नाम से भी जाना जाता है, 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा हेलीकॉप्टर है जो सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी उतर और उड़ान भर सकता है। यह हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को भी दाग सकता है।

मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा

यह टेंडर भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती देगा। एलसीएच को स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है, और इसका निर्माण भी भारत में ही किया जाएगा। इससे न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

एलसीएच की विशेषताएं:

  • उंचाई: एलसीएच 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है, जो इसे सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाता है।
  • क्षमताएं: यह हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में सक्षम है।
  • अन्य नाम: एलसीएच को ‘प्रचंड’ के नाम से भी जाना जाता है।

पहले का टेंडर

  • इस साल अप्रैल में, रक्षा मंत्रालय ने एचएएल को 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर स्वदेशी 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए दिया था।

महत्व

  • यह टेंडर भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और देश को रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा देगा और रक्षा क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
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