Thursday, November 21, 2024
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यूट्यूब से सीखा बम बनाना, टीचर की कुर्सी के नीचे विस्फोटक रखने पर 13 छात्र सस्पेंड

भिवानी, हरियाणा: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बापोड़ा में 7 नवंबर को महिला लेक्चरर की कुर्सी के नीचे बैटरी संचालित विस्फोटक लगाकर धमाका करने की घटना में शामिल 12वीं कक्षा के नॉन-मेडिकल के 13 छात्रों को एक सप्ताह के लिए स्कूल से निष्कासित कर दिया गया। इस घटना से जुड़े विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने बुधवार को हुई पंचायत में लिखित रूप से माफी मांगी और भविष्य में ऐसी घटना न दोहराने का आश्वासन दिया।

मामले की पृष्ठभूमि

7 नवंबर की सुबह करीब 9 बजे महिला लेक्चरर नॉन-मेडिकल कक्षा में पढ़ा रही थीं। वे प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठी थीं। जब वे कुर्सी से उठने लगीं, तो अचानक तेज धमाका हुआ, जिससे उनकी साड़ी कुछ स्थानों पर जल गई। घटना के बाद प्राचार्य ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जले हुए सर्किट, बैटरी सेल और अन्य सामग्री बरामद की।

पंचायत में हुई चर्चा और माफी

घटना के दो दिन बाद विद्यालय में पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत में विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित हुए और उन्होंने लिखित में माफी मांगी। बच्चों ने भी स्वीकार किया कि यह सिर्फ मजाक के लिए किया गया था, लेकिन उनकी योजना समय से पहले फेल हो गई।

अभिभावकों ने बताया कि इस घटना के बाद बच्चों ने घर पर ठीक से खाना भी नहीं खाया और वे डरे हुए हैं। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को एक सप्ताह के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया, लेकिन उनकी गलती को भविष्य के लिए सीख के रूप में लेने की बात कही।

इंटरनेट से सीखा विस्फोटक बनाना

पुलिस और प्राचार्य की जांच में सामने आया कि छात्रों ने इंटरनेट के माध्यम से बैटरी संचालित विस्फोटक बनाने का तरीका सीखा था। इसके लिए लैपटॉप बैटरी के सेल, सर्किट और रिमोट जैसे उपकरण बाजार से खरीदे गए।
घटना में शामिल सभी 13 छात्रों की भूमिकाएं स्पष्ट हैं:

  • एक छात्र ने विस्फोटक तैयार किया।
  • दूसरे ने इसे कुर्सी के नीचे लगाया।
  • तीसरे ने रिमोट का बटन दबाकर धमाका किया।
    इस घटना के दिन कक्षा में कुल 15 छात्र थे, जिनमें से 13 उपस्थित थे।

भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने की अपील

महिला लेक्चरर ने बच्चों को माफ कर दिया है और इस घटना को शिक्षा का एक हिस्सा मानते हुए समझाया कि विज्ञान का सही उपयोग होना चाहिए। पंचायत में यह भी कहा गया कि यदि बच्चे यह प्रयोग साइंस लैब में करते, तो उन्हें सम्मानित किया जाता। लेकिन इस तरह का तरीका नुकसानदेह साबित हो सकता था।

प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी का बयान

जिला शिक्षा अधिकारी नरेश मेहता ने बताया कि इस मामले में स्कूल प्रबंधन को जांच के आदेश दिए गए थे। मंगलवार को मिली रिपोर्ट के बाद बुधवार को उन्होंने स्वयं मामले की जांच की। प्राचार्य ने बताया कि इस घटना से स्कूल की शैक्षणिक प्रक्रिया प्रभावित हुई है, लेकिन बच्चों को सुधारने के लिए यह एक सीखने का अवसर माना जाएगा।

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