इंदौर, मध्य प्रदेश: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत शुक्रवार को इंदौर पहुंचे। यहां दशहरा मैदान में आयोजित मालवा प्रांत के स्वर शतकम कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा लिया और स्वयंसेवकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में डॉ. भागवत ने कहा कि संघ कोई भी कार्य प्रदर्शन के लिए नहीं करता, बल्कि संघ कार्य करता है, इसलिए उसका प्रदर्शन स्वतः होता है।
उन्होंने कहा कि संघ के कार्यक्रमों से व्यक्ति के सद्गुणों का विकास होता है। उन्होंने लाठी प्रशिक्षण का उदाहरण देते हुए कहा, “संघ में दंड और लाठी चलाने की कला सिखाई जाती है, लेकिन यह झगड़ा करने के लिए नहीं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर आत्मरक्षा के लिए उपयोगी होती है। लाठी चलाने से मनुष्य में वीरता का संचार होता है, जिससे वह भयभीत नहीं होता।”
डॉ. भागवत ने किया संघ से जुड़ने का आह्वान
अपने 28 मिनट लंबे संबोधन में डॉ. मोहन भागवत ने बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के प्रसिद्ध उपन्यास आनंद मठ का उल्लेख करते हुए कहा, “इसमें लिखा है- ‘ऐ लाठी, तुम्हारे दिन लद गए।’ लेकिन शिक्षित हाथों में आने के बाद लाठी किसी भी काम को अंजाम देने में सक्षम हो जाती है।” उन्होंने जनता से संघ से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि लोग संघ में इसलिए नहीं आते कि उन्हें कुछ व्यक्तिगत प्राप्त करना है, बल्कि इसलिए आते हैं कि उन्हें राष्ट्र सेवा करनी है। उन्होंने कहा, “जब हर व्यक्ति में राष्ट्र निर्माण का भाव जागृत होगा, तब पूरी दुनिया सुख और शांति के युग को देखेगी।”
स्वर शतकम में 28 जिलों के स्वयंसेवकों ने दी प्रस्तुति
स्वर शतकम कार्यक्रम में मालवा प्रांत के 28 जिलों से आए स्वयंसेवकों ने सामूहिक घोषवादन की प्रस्तुति दी। दो घंटे से अधिक चले इस कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने 45 मिनट तक बिना रुके घोषवादन किया। संगीत प्रस्तुति में स्वयंसेवकों के साथ बड़ी संख्या में आम लोगों ने भी भाग लिया।
डॉ. भागवत ने कहा, “यहां इतनी बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों द्वारा एकसुर में संगीत की प्रस्तुति देना आपसी समन्वय और सामूहिकता की प्रेरणा देता है। यह अद्भुत अनुभव है। हमारी रण संगीत की जो परंपरा लुप्त हो गई थी, वह अब पुनर्जीवित हो रही है।”
ओंकारेश्वर में होगी कुटुंब प्रबोधन की अखिल भारतीय बैठक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की अखिल भारतीय बैठक 4-5 जनवरी को ओंकारेश्वर में आयोजित होगी। इस बैठक में समर्थ कुटुंब व्यवस्था विषय पर संवाद होगा। कार्यक्रम की शुरुआत संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैय्याजी जोशी के मंगल संवाद से होगी।
इस बैठक में देशभर के 46 प्रांतों से 150 से अधिक प्रांत संयोजक और सह संयोजक अपने परिवार सहित शामिल होंगे। शनिवार को भैय्याजी जोशी का मंगल संवाद विषय पर उद्बोधन होगा, जिसके बाद कुटुंब प्रबोधन पर विचार-विमर्श किया जाएगा। रविवार को डॉ. भागवत नागरघाट पर नर्मदा पूजन करेंगे।