नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर इन दिनों मोदी सरकार की नीतियों की प्रशंसा करने को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड महामारी के दौरान भारत की ‘वैक्सीन कूटनीति’ की सराहना की है।

भारत की वैक्सीन कूटनीति की सराहना
केंद्र सरकार की ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ की सराहना करते हुए थरूर ने इसे “अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व का एक शक्तिशाली उदाहरण” बताया। एक अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में उन्होंने कहा, “कोविड महामारी के दौरान भारत ने 100 से अधिक देशों को भारत में निर्मित टीके वितरित किए, जिससे भारत ने वैश्विक संकट के समय अपनी जिम्मेदारी और एकजुटता का परिचय दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि यह कूटनीति भारत की वैश्विक स्थिति को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण कदम था। भारत ने केवल वैक्सीन ही नहीं दी, बल्कि नेपाल, मालदीव और कुवैत में सैन्य डॉक्टर भेजे और दक्षिण एशियाई देशों के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण भी आयोजित किया।
कांग्रेस पार्टी में दरार के संकेत
थरूर के इस लेख को कांग्रेस पार्टी में चल रही आंतरिक खींचतान के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है। विशेष रूप से केरल नेतृत्व को लेकर पार्टी और थरूर के बीच मतभेद की खबरें सामने आई हैं। हालांकि, थरूर ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल भारत की वैश्विक भूमिका की प्रशंसा करना है।

पीएम मोदी के रुख की भी सराहना
इससे पहले, थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी के युद्ध-विरोधी रुख की भी सराहना की थी। उन्होंने कहा था, “युद्ध के मैदान में शांति नहीं मिल सकती।” थरूर ने मोदी सरकार की कूटनीतिक नीति को सराहा और इसे वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत स्थिति का प्रतीक बताया।