जयपुर/चिड़ावा: राजस्थान में कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और सूक्ष्म उद्योगों के विस्तार की दिशा में पहचान बना चुके ‘पाली मॉडल’ पर आधारित एक विशेष रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेंट की गई। यह रिपोर्ट उद्योग टाइम्स के को-एडिटर और चिड़ावा निवासी डॉ. संजय मिश्रा द्वारा तैयार की गई है, जिसमें पाली जिले में संचालित कौशल विकास के नवाचारों और उनके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
पाली बना देश का मॉडल, कोविड के बाद बदली महिलाओं की आर्थिक तस्वीर
रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद जब असंगठित क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा और लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री प्रकाश चंद्र के मार्गदर्शन में पाली की स्थानीय टीम ने एक व्यापक कौशल विकास अभियान की शुरुआत की।
इस पहल के तहत सिलाई, चूड़ी निर्माण, कुल्हड़ उद्योग और सौंदर्य सज्जा जैसे रोजगारपरक कौशलों से बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ा गया और उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया।
महिलाओं को प्रशिक्षण से रोजगार तक जोड़ा गया
डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि इस मॉडल की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि प्रशिक्षण केवल कौशल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि महिलाओं को स्थायी आजीविका से भी जोड़ा गया। स्थानीय संसाधनों और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए तैयार यह मॉडल जल्द ही ‘पाली मॉडल’ के नाम से देशभर में चर्चा का विषय बन गया।

लघु उद्योग भारती की भूमिका रही अहम
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले 32 वर्षों से सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के संरक्षण, संवर्धन और कल्याण के लिए कार्यरत अखिल भारतीय संगठन लघु उद्योग भारती ने इस मॉडल को जमीन पर उतारने में निर्णायक भूमिका निभाई। संगठन की रणनीति ने यह साबित किया कि सीमित संसाधनों के बावजूद स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन संभव है।
मुख्यमंत्री से उद्योग और कौशल योजनाओं पर हुआ संवाद
रिपोर्ट भेंट करने के अवसर पर डॉ. संजय मिश्रा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर बधाई दी। इस दौरान राज्य सरकार की उद्योग नीति, कौशल विकास योजनाओं और महिला रोजगार से जुड़े कार्यक्रमों पर सार्थक चर्चा भी हुई।





