मुकुंदगढ़: थाना पुलिस ने नाबालिग लड़की के अपहरण और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म के गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही, इस घिनौनी वारदात में प्रयुक्त अर्टिगा कार को भी जब्त कर लिया गया है। यह कार्रवाई थाना प्रभारी रामप्रताप के निर्देशन और वृताधिकारी राजवीर सिंह चम्पावत के नेतृत्व में की गई।
मामले की शुरुआत उस समय हुई जब पीड़िता की मां ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी नाबालिग बेटी कॉलेज में परीक्षा आवेदन पत्र जमा करवाने के बाद लौट रही थी। रास्ते में बलारा गांव के रिहान, शम्मी और रिजवान पहले से कार (अर्टिगा RJ 30 UA 2825) लेकर मौजूद थे। जैसे ही लड़की वहां पहुंची, इन तीनों ने उसे पीछे से पकड़कर नशीला पदार्थ सुंघाया और जबरन कार में डालकर सुनसान स्थान पर ले गए। वहां रिहान ने अन्य दो साथियों के सहयोग से कार में ही दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपियों ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और बाद में लड़की को सड़क किनारे फेंककर फरार हो गए। जाते समय आरोपियों ने धमकी दी कि अगर घटना के बारे में किसी को बताया गया तो वीडियो को वायरल कर दिया जाएगा और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम का गठन किया और तकनीकी सहायता के साथ-साथ स्थानीय सूचना तंत्र को सक्रिय करते हुए तीनों नामजद आरोपियों की तलाश शुरू की। टीम ने लगातार दबिशें देते हुए रिहान, शम्मी और रिजवान को दस्तयाब किया। पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर अपराध की पुष्टि होने पर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा दुष्कर्म में प्रयुक्त अर्टिगा कार को भी जब्त कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बलारा निवासी रिहान पुत्र फरमान अली (उम्र 18), रिजवान पुत्र निसार खान (उम्र 21) और समी पुत्र मजरू अली (उम्र 21) के रूप में हुई है। ये सभी कायमखानी मुस्लिम समुदाय से हैं और सीकर जिले के बलारा थाना क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं।
इस कार्रवाई में राजवीर सिंह चम्पावत, रामप्रताप, जितेंद्र कुमार, सुरेंद्र कस्वां, मुल्तानाराम, बाबूलाल और प्रमोद कुमार ने अहम भूमिका निभाई। विशेष सूचना संकलन में मुल्तानाराम और बाबूलाल ने उल्लेखनीय योगदान दिया।
पुलिस प्रशासन ने मामले को प्राथमिकता से लेकर जांच को पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता से आगे बढ़ाने की बात कही है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आरोपियों को कठोर सजा दिलाने के लिए सभी साक्ष्य पुख्ता किए जा रहे हैं और मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।
यह मामला नाबालिगों की सुरक्षा और समाज में अपराध के बढ़ते स्वरूप को लेकर चिंता बढ़ाने वाला है, जिस पर त्वरित और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता थी, जिसे मुकुंदगढ़ पुलिस ने बखूबी अंजाम दिया।