बीजापुर, छत्तीसगढ़: केंद्र सरकार के नक्सलवाद उन्मूलन के प्रयासों को एक और सफलता मिली है। रविवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।

गृह मंत्री का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में कहा, “बहुत हर्ष का विषय है कि बीजापुर में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर हिंसा का मार्ग त्याग दिया है। हिंसा और हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वालों का मैं स्वागत करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट नीति है कि जो भी नक्सली हथियार छोड़कर विकास का मार्ग अपनाएंगे, उनका पुनर्वास कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा।”
गृह मंत्री ने यह भी कहा, “मैं अन्य नक्सलियों से अपील करता हूं कि वे भी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटें। 31 मार्च 2026 के बाद देश में नक्सलवाद केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, यह हमारा संकल्प है।”

इतनी बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण पहली बार
यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। बताया जा रहा है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली विभिन्न हिंसक घटनाओं में शामिल थे। हालांकि, अब वे शांति और विकास के मार्ग पर चलने का इरादा रखते हैं। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति के चलते नक्सलियों ने यह कदम उठाया।
सरकार ने जानकारी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर 68 लाख रुपये का इनाम था।

सरकार का पुनर्वास प्रयास
केंद्र और राज्य सरकारें नक्सलियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए पुनर्वास योजनाएं चला रही हैं। आत्मसमर्पण करने वालों को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे वे समाज में पुनः अपनी पहचान बना सकें।
बीजापुर एसपी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डीआईजी और सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में सभी 50 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए।