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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: महाराष्ट्र में शिंदे गुट और अजित पवार गुट के विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग वाली याचिका पर आज सोमवार (30 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. स्पीकर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि वह 29 फरवरी 2024 तक अयोग्यता से जुड़ी याचिकाओं का निपटारा कर देंगे. इससे पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने मामले के निपटारे की धीमी रफ्तार पर असंतोष जताया था और स्पीकर से मामले के निपटारे की समय सीमा बताने को कहा था.
सुनवाई के दौरान स्पीकर के लिए पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बीच में विधानसभा सत्र, दीवाली और क्रिसमस की छुट्टी के चलते कुछ विलंब होगा. फिर भी वह 31 जनवरी तक अयोग्यता से जुड़ी याचिकाओं के निपटारे की कोशिश करेंगे. पहले चीफ जस्टिस ने कहा कि कार्यवाही 31 दिसंबर तक ही पूरी होनी चाहिए. इसे लंबे समय तक नहीं टाला जा सकता.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को आदेश दिया कि वह 31 दिसंबर या उससे पहले एकनाथ शिंदे और अजित पवार समर्थक विधायकों की अयोग्यता पर लंबित याचिकाओं का निपटारा करें, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में हल्का बदलाव करते हुए साफ किया है कि 31 दिसंबर तक की तारीख शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से जुड़ी याचिकाओं के निपटारे के लिए है. एनसीपी के अजित पवार खेमे की विधायकों के मामले का निपटारा स्पीकर 31 जनवरी तक कर सकते हैं.
उद्धव गुट ने लगाए थे ये आरोप
मई महीने में एक संविधान पीठ ने निर्देश दिया था कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को शिंदे सहित शिवसेना विधायकों के खिलाफ “अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय में फैसला करना चाहिए.” शिवसेना-यूबीटी नेता सुनील प्रभु ने 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि स्पीकर एकनाथ शिंदे को अवैध रूप से मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं.
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