पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के लिए भारत रत्न की मांग की है। उन्होंने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की हैं और उनके अद्वितीय योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।

सुनीता विलियम्स के लिए शुभकामनाएं और प्रार्थना
ममता बनर्जी ने कहा, “मैं सुनीता विलियम्स और उनकी पूरी टीम को बधाई देती हूं और उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करती हूं। मैं बचाव दल को भी उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई देती हूं।” उन्होंने कल्पना चावला को भी याद किया, जिन्होंने अंतरिक्ष में अपनी जान गंवा दी थी। ममता बनर्जी ने कहा, “कल्पना चावला अंतरिक्ष में गई थीं, लेकिन उनकी जान चली गई। यह एक दुखद घटना थी।”
तकनीकी समस्या और साहसिक बचाव
मुख्यमंत्री ने बताया कि सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्या आई थी, जिससे उनकी जान को खतरा था। उन्होंने कहा, “अगर वे वापस लौटने की कोशिश करतीं, तो अंतरिक्ष यान में विस्फोट हो सकता था। यह एक गंभीर स्थिति थी और अगर यह खबर गलत होती, तो मुझे खुशी होती।”

सोशल मीडिया पर भी सराहना
सोशल मीडिया पर भी ममता बनर्जी ने सुनीता विलियम्स को ‘भारत की बेटी’ कहते हुए उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा, “सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों का इतने दिनों के बाद सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटना बेहद खुशी की बात है। हमारी भारत की बेटी सुरक्षित लौट आई है, और हम बेहद उत्साहित हैं।” उन्होंने बचाव दल को भी उनके साहसिक प्रयासों के लिए बधाई दी।
Welcome Sunita Williams and Butch Wilmore back to earth, finally and safely, after so many days.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 19, 2025
Our daughter of India returns to us, and we are deeply deeply happy and elated. We are profoundly happy for Butch Wilmore also. Hail their courage, hail their return, hail human…
जीएसटी पर कसा तंज
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने विधानसभा में जीएसटी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, “लोग ब्याज नहीं चुका पा रहे हैं, जिसकी वजह से आत्महत्याएं हो रही हैं। अगर कोई व्यक्ति 100 रुपये कमाता है, तो 40 रुपये टैक्स के रूप में चला जाता है। हर चीज पर जीएसटी लगाया जा रहा है, चाहे वह साड़ी हो या मिठाई।” उन्होंने सवाल उठाया कि मेडिक्लेम और हाउसिंग लोन पर जीएसटी क्यों नहीं लगाया जाता।