मंड्रेला: कस्बे में बुधवार देर रात उस समय हलचल मच गई, जब गौरक्षा दल की टीम ने गौवंश तस्करी की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध कंटेनर को पकड़ा। बताया जा रहा है कि यह कंटेनर राजगढ़ बाईपास से तिग्यास की ओर जा रहा था, जिस पर ‘ऑन आर्मी सप्लाई’ का पोस्टर चस्पा था और यह जयपुर से पंजाब के अमृतसर की ओर रवाना था।
गौरक्षा दल ने इस कंटेनर को मंड्रेला पुलिस के सुपुर्द कर दिया और इसमें भरे मांस की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सावन के पवित्र महीने में इस प्रकार की सामग्री की आवाजाही गंभीर चिंता का विषय है और आशंका है कि इसमें गौवंश से जुड़ा मांस हो सकता है।
गौरक्षक लोकेश सिंह निर्वाण ने बताया कि उन्हें पहले सूचना मिली थी कि एक गाड़ी में गौवंश को अवैध रूप से ले जाया जा रहा है। टीम ने उस वाहन का पीछा किया लेकिन वह कच्चे रास्तों से होकर निकल गया। इसी दौरान उनकी नजर एक अन्य संदिग्ध कंटेनर पर पड़ी जिसे उन्होंने रुकवाकर खुलवाया तो उसमें मांस के पैक कट्टे भरे थे जिसे पुलिस को सौंप दिया। मामले की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में गौरक्षक मंड्रेला थाने पहुंचे और कार्रवाई की मांग की।
वहीं, गौरक्षा दल के सदस्य अजीत कस्वां ने बताया कि झुंझुनूं और सीमावर्ती चूरू जिलों में लगातार गौवंश तस्करी की सूचनाएं मिल रही हैं और विभिन्न टीमें लगातार सक्रिय निगरानी कर रही हैं। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में गहन जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
पुलिस का कहना है कि कंटेनर में रखे गए मांस के सैंपल पशु चिकित्सकों की सहायता से लिए जाएंगे और फॉरेंसिक जांच करवाई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब धार्मिक दृष्टि से संवेदनशील सावन माह चल रहा है और इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हैं। पुलिस पूरे मामले को गंभीरता से लेकर जांच कर रही है और आगे की कार्यवाही रिपोर्ट आने के बाद तय की जाएगी।
मंड्रेला में सामने आया यह मामला गौरक्षा से जुड़े मुद्दों पर स्थानीय समाज में जागरूकता और सतर्कता का एक उदाहरण है, लेकिन अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि मांस की जांच रिपोर्ट में क्या सामने आता है और प्रशासन इस पर कैसी कार्रवाई करता है।