भोपाल, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आम आदमी पार्टी (AAP) का कार्यालय एक किराए के मकान में स्थित था, जिसे मकान मालिक ने तीन महीने से किराया न चुकाए जाने के कारण बंद कर दिया। यह घटनाक्रम पार्टी के लिए एक और चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है, खासकर तब जब पार्टी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है।
मकान मालिक का आरोप
मकान मालिक का कहना है कि पिछले तीन महीने से दफ्तर का किराया नहीं चुकाया गया था, जिसके कारण उन्हें यह कड़ा कदम उठाना पड़ा। इस कदम के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में निराशा और आशंका की लहर दौड़ गई है।
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मध्य प्रदेश आम आदमी पार्टी के संयुक्त सचिव रमाकांत पटेल ने पीटीआई से बातचीत में इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह सब तब होता है जब हम ईमानदारी से काम करते हैं। चीजें सुधर जाएंगी। हम ईमानदार हैं। अभी हमारी पार्टी के पास फंड नहीं है। इसलिए हम ऐसा नहीं कर सकते।” उन्होंने बताया कि पार्टी अपने स्थानीय फंड से कामकाज का प्रबंधन करती है, लेकिन कार्यकर्ताओं की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।
मध्य प्रदेश में विपक्षी दल भाजपा ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “आप के एमपी कार्यालय पर ताला लगा, अगला नंबर कांग्रेस का है।” भाजपा के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर दिया है।
मध्य प्रदेश आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रीना अग्रवाल ने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि प्रदेश कार्यालय पर ताला लगा दिया गया है। उन्होंने भोपाल के पदाधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी है। वहीं, भोपाल जिला अध्यक्ष सीपी सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है कि प्रदेश कार्यालय को बंद कर दिया गया हो। उनका कहना था कि पार्टी का जिला कार्यालय नरेला शंकरी जोड़ पर स्थित है, न कि सुभाष नगर में।
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दिल्ली चुनाव में पार्टी को मिली हार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई, जिससे आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव और भी निराशाजनक साबित हुआ। इस चुनाव में पार्टी के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अपनी सीटों पर हार गए थे। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, जबकि आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटों पर ही सफलता मिली। कांग्रेस का खाता भी इस चुनाव में नहीं खुल सका।