Tuesday, April 22, 2025
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भीषण गर्मी में चिड़ावा के वार्ड 10 व 11 में गहराया पेयजल संकट, समाधान नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी

चिड़ावा, 22 अप्रैल 2025: क्षेत्र में लगातार बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी के कारण पेयजल संकट दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। चिड़ावा कस्बे के वार्ड संख्या 10 और 11 के निवासी बीते पंद्रह दिनों से पानी की एक-एक बूंद के लिए परेशान हैं। स्थिति यह हो गई है कि लोगों को रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दूर-दराज़ इलाकों से पानी लाना पड़ रहा है। जलदाय विभाग की उदासीनता और अधिकारियों की अनुपस्थिति ने लोगों की परेशानी को और भी बढ़ा दिया है।

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पानी के लिए रोजाना संघर्ष, विभाग पर लापरवाही के आरोप

स्थानीय निवासियों के अनुसार, वार्ड 10 और 11 में पानी की आपूर्ति का प्रमुख स्रोत चौधरी कॉलोनी स्थित सामुदायिक विकास भवन में बना सार्वजनिक कुआं है, जो जलदाय विभाग की टंकी से जुड़ा हुआ है। पहले इस टंकी से नियमित रूप से जलापूर्ति होती थी, किंतु लगभग पंद्रह दिन पूर्व विभाग द्वारा इस कुएं को ‘सूखा’ घोषित कर दिया गया। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा लगाया गया ट्यूबवेल भी जल स्तर में गिरावट के कारण सही तरीके से कार्य नहीं कर पा रहा है, जिससे क्षेत्र में पेयजल संकट और भी गहरा गया है।

समस्या के समाधान की मांग को लेकर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

मंगलवार को वार्ड 10, 11 और आस-पास के क्षेत्रों के दर्जनों परेशान नागरिक जलदाय विभाग कार्यालय पहुंचे। लेकिन वहां उन्हें न तो विभागीय अधिकारी मिले और न ही कोई संतोषजनक जवाब। इससे आक्रोशित होकर नागरिकों ने तहसील कार्यालय का रुख किया और तहसीलदार कमलदीप पूनिया को एक ज्ञापन सौंपते हुए पेयजल संकट के शीघ्र समाधान की मांग की।

ज्ञापन में निवासियों ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बताया कि विभाग को कई बार अवगत कराने के बावजूद किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है। लोगों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो वे मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

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स्थायी समाधान की उठी मांग, अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल

स्थानीय निवासी रामनिवास शर्मा, सरिता देवी, महेंद्र सैनी, गीता कुमारी व अन्य लोगों ने बताया कि गर्मी के इस मौसम में सबसे बड़ी जरूरत पानी की होती है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण उन्हें रोजाना अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। कई बार जलदाय विभाग जाकर भी उन्हें अधिकारियों से भेंट नहीं हो पाई, जिससे असंतोष और भी बढ़ गया है।

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