नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें दो नए सब वैरिएंट केपी.2 और केपी.1 का पता चला है। इन दोनों वैरिएंट्स के कारण भारत में कुल 324 मामले दर्ज किए गए हैं।
केपी.2 और केपी.1 सब वैरिएंट्स की स्थिति
केपी.2 वैरिएंट के 290 और केपी.1 वैरिएंट के 34 मामले सामने आए हैं। ये दोनों सब वैरिएंट सिंगापुर में भी संक्रमण की वृद्धि के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं। हालांकि, इन वैरिएंट्स से संक्रमित मरीजों में अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारियों के मामले नहीं देखे गए हैं, इसलिए चिंता की कोई बड़ी बात नहीं है।
भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) की भूमिका
इंसाकॉग (INSACOG) भारतीय सरकार द्वारा स्थापित एक राष्ट्रीय बहु-एजेंसी कंसोर्टियम है, जो 30 दिसंबर 2020 से सक्रिय है। यह कंसोर्टियम सार्स-कोव-2 वायरस के जीनोमिक विविधताओं की निगरानी के लिए स्थापित किया गया था। प्रारंभ में, इसमें 10 प्रयोगशालाएं शामिल थीं, लेकिन वर्तमान में 28 प्रयोगशालाएं इसके तहत काम कर रही हैं। इंसाकॉग का उद्देश्य नए वैरिएंट्स की पहचान करना और उनका मुकाबला करना है।
राज्यों में केपी.1 और केपी.2 के मामले
केपी.1 के मामले:
- पश्चिम बंगाल: 23
- गोवा: 1
- गुजरात: 2
- हरियाणा: 1
- महाराष्ट्र: 4
- राजस्थान: 2
- उत्तराखंड: 1
केपी.2 के मामले:
- महाराष्ट्र: 148
- दिल्ली: 1
- गोवा: 12
- गुजरात: 23
- हरियाणा: 3
- कर्नाटक: 4
- मध्य प्रदेश: 1
- ओडिशा: 17
- राजस्थान: 21
- उत्तर प्रदेश: 8
- उत्तराखंड: 16
- पश्चिम बंगाल: 36
चिंता की कोई बात नहीं
- विशेषज्ञों का कहना है कि ये दोनों वैरिएंट जेएन1 वैरिएंट के ही सब वैरिएंट हैं और इनसे अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा ज्यादा नहीं है।
- भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) इन नए वैरिएंट पर नजर रख रहा है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।
सिंगापुर में कोविड-19 की स्थिति
सिंगापुर में केपी.1 और केपी.2 सब वैरिएंट्स से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। 5 से 11 मई के बीच सिंगापुर में 25,900 मामले दर्ज किए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ये वैरिएंट्स तेजी से फैलने में सक्षम हैं।