भारत-मालदीव विवाद: मालदीव और भारत के बीच संबंधों में लगातार तल्खी बढ़ती जा रही है. इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर से रविवार (14 जनवरी) को ‘इंडिया आउट’ का राग अलापा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैन्यबलों को मालदीव से फिर हटाने की मांग दोहराई है. इसके साथ ही उन्होंने भारत को 15 मार्च का अल्टीमेटम दिया है. इससे पहले मालदीव ने दो माह पहले भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग की थी. सरकारी आंकड़ों की माने तो मालदीव में 88 भारतीय सैनिक हैं.
चीन की हालिया यात्रा कर स्वदेश लौटे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब लगातार भारत को लेकर तीखी बयानबाजी कर रहे हैं. शनिवार (13 जनवरी) को भी मुइज्जू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत का नाम लिए बिना परोक्ष रूप से निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि हम छोटे हो सकते हैं लेकिन इससे उनको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है.
मालदीव राष्ट्रपति और प्रशासनिक नीति का दिया हवाला
सनऑनलाइन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति कार्यालय में पब्लिक पॉलिसी सेक्रेटरी अब्दुल्ला नाज़िम इब्राहिम ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है. उन्होंने यह भी साफ किया है कि भारतीय सैनिक मालदीव में नहीं रह सकते. नाजिम ने मालदीव सरकार की पॉलिसी का हवाला देते हुए कहा कि यह राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और उनकी प्रशासनिक नीति है.
सैनिकों की वापसी को लेकर गठित कोर ग्रुप की मीटिंग
सेक्रेटरी ने इस बात का भी दावा किया है कि दोनों देशों के बीच सैनिकों की वापसी के मुद्दे को लेकर एक हाई लेवल कोर ग्रुप का गठन भी किया गया है. माले स्थित विदेश मंत्रालय हैडक्वार्टर में कोर ग्रुप की पहली बैठक रविवार को आयोजित की गई. इसमें दोनों देशों के अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में भारत की तरफ से मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर उपस्थित रहे. मीटिंग एजेंडा की पुष्टि मालदीव के पब्लिक पॉलिसी सेक्रेटरी नाजिम ने की है जिसमें एक निर्धारित समय सीमा के भीतर सैनिकों की वापसी होनी है.
उधर, भारत सरकार की तरफ से इस मामले पर और मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर किसी तरह की कोई त्वरित टिप्पणी नहीं की गई है.
17 नवंबर को बने थे मालदीव के नए राष्ट्रपति
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीनी समर्थक नेता के रूप में जाने जाते हैं. पिछले साल 17 नवंबर को उन्होंने मालदीव के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. उनके शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद भारतीय सैनिकों की मालदीव में तैनाती को लेकर सवाल उठाया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच थोड़ी तकरार बनी थी. इसके बाद दुबई में आयोजित कॉप28 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव राष्ट्रपति मुइज्जू की काफी सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई थी.
चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी की थी मुलाकात
पिछले दिनों मुइज्जू सरकार के 3 मंत्रियों और उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की गईं. इस पर उनको हटा दिया गया था. बावजूद इसके दोनों देशों के रिश्ते लगातार खराब होते चले जा रहे हैं. मुइज्जू ने 5 दिन के अपने चीन के दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की थी. इसके बाद हर रोज मालदीव की तरफ से भारत को लेकर अलग बयानबाजी सामने आ रही है.
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