मालदीव, 4 जून 2024: भारत और मालदीव के बीच पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद, दोनों देशों के बीच विकास कार्यों की गति जारी है। मालदीव के निर्माण एवं अवसंरचना मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि मंत्री डॉ. अब्दुल्ला मुत्तलिब और भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने थिलामेल ब्रिज परियोजना का निरीक्षण किया।
यह निरीक्षण उच्चायोग के सीनियर अधिकारियों, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और तकनीकी टीम के साथ किया गया। प्रतिनिधिमंडल ने थिलामेल ब्रिज की प्रगति और वहां चल रहे कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। परियोजना (AFCONS) के प्रतिनिधि सलाहकार और ठेकेदारों ने मंत्री मुत्तलिब और उच्चायुक्त महावर को परियोजना की जानकारी दी।
भारत ने जताई प्रसन्नता
मालदीव के निर्माण एवं अवसंरचना मंत्रालय के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, माले में भारत की एंबेसी ने कहा कि “मालदीव में भारत की प्रमुख विकास साझेदारी परियोजना, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी ब्रिज की जमीनी प्रगति देखकर खुशी हुई।”
यह परियोजना मालदीव की राजधानी माले को तीन द्वीपों – हुलहुमाले, विलिंगिली और गुलही – से जोड़ेगी। इस पुल के बनने से माले में यातायात की भीड़ कम होगी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
तनावपूर्ण संबंधों का प्रभाव
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत और मालदीव के बीच संबंधों में पिछले कुछ समय से तनाव है। 2023 में, मालदीव की सरकार ने भारतीय सेना को एक प्रशिक्षण अकादमी से बाहर निकाल दिया था। इसके बाद भारत ने मालदीव को दी जाने वाली कुछ वित्तीय सहायता रोक दी थी।
हालांकि, दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई है कि वे मतभेदों को सुलझा लेंगे और अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखेंगे। विकास कार्यों की गति जारी रहना इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच संबंध पूरी तरह से खराब नहीं हुए हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
- थिलामेल ब्रिज 2.3 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- ग्रेटर माले कनेक्टिविटी ब्रिज परियोजना में 3.2 किलोमीटर का समुद्री पुल, 2.2 किलोमीटर का एप्रोच रोड और एक इंटरचेंज शामिल है।
- इस परियोजना को भारत सरकार द्वारा $100 मिलियन की सहायता से वित्तपोषित किया जा रहा है।