वाशिंगटन, 23 जनवरी: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ किया है कि पाकिस्तान के साथ व्यापार फिर से शुरू करने को लेकर किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार कभी नहीं रोका था, बल्कि 2019 में पाकिस्तान ने स्वयं यह निर्णय लिया था।
वाशिंगटन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान जयशंकर से पूछा गया कि क्या दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध फिर से स्थापित करने पर कोई चर्चा हुई है। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “पिछले साल से पाकिस्तान के साथ व्यापार पर कोई बातचीत नहीं हुई है और न ही उनकी ओर से इस दिशा में कोई पहल की गई है।”
भारत ने दिया एमएफएन का दर्जा, पाकिस्तान ने किया इनकार
जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा से पाकिस्तान को ‘सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र’ (एमएफएन) का दर्जा देता आया है। हालांकि, पाकिस्तान ने कभी भारत को यह दर्जा नहीं दिया। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि हमारे व्यापार संबंध निष्पक्ष और लाभकारी हों।”
2019 में पाकिस्तान ने व्यापार बंद किया
विदेश मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि अगस्त 2019 में, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को हटाया, तब पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान खान सरकार ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध खत्म करने का फैसला लिया था।
इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को भी सीमित कर दिया था।
राजनयिक संबंधों में स्थिरता की आवश्यकता
जयशंकर के बयान से यह साफ है कि भारत की ओर से किसी प्रकार की व्यापारिक पहल को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में स्थिरता और सकारात्मकता लाने के लिए पहले राजनयिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
वर्तमान स्थिति पर सवाल उठाता बयान
जयशंकर का यह बयान भारत-पाक संबंधों की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करता है। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से व्यापारिक संबंध बहाल करने की कोई कोशिश नहीं दिख रही है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग का भविष्य फिलहाल अनिश्चित है।