नई दिल्ली: गुरुवार देर शाम से शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुक्रवार रात पाकिस्तान ने भारत के 26 शहरों में आबादी वाले इलाकों को ड्रोन हमलों का निशाना बनाया। हालांकि, भारत की उन्नत एंटी-ड्रोन रक्षा प्रणाली ने इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया और किसी भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। यह कार्रवाई पाकिस्तान की तरफ से जारी आक्रामकता का संकेत है, जिसे भारत ने तकनीकी दक्षता से नाकाम किया।

पाकिस्तान का बड़ा आरोप: भारत ने दागीं छह बैलिस्टिक मिसाइलें
पाकिस्तान सेना के जनसंपर्क विभाग ISPR के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए दावा किया कि भारत ने जालंधर स्थित आदमपुर एयरबेस से छह बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने इसे भारत की “गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक हरकत” बताया और कहा कि यदि भारत का यह रवैया जारी रहता है, तो क्षेत्र में हालात और भी अधिक बिगड़ सकते हैं।
पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेस तबाह
सूत्रों के अनुसार, भारत द्वारा दागी गई मिसाइलों ने रावलपिंडी, मुरीद चक्रवाल, सोरकोट और नूरखान स्थित पाकिस्तानी एयरबेस को सीधे निशाना बनाया।
- नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी) के पास भीषण विस्फोट हुआ
- शोरकोट (झंग) स्थित रफीकी एयरबेस पर भी बड़ा धमाका
- चकवाल के मुरीद बेस और सोरकोट के निकट भी धमाकों की खबर
इन धमाकों की गूंज लाहौर, इस्लामाबाद और रावलपिंडी तक महसूस की गई, जिससे नागरिकों में भय का माहौल बन गया और लोग घरों से बाहर निकल आए।
पाकिस्तान ने बंद की एयरस्पेस, सभी उड़ानें रोकी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान ने शनिवार दोपहर 12 बजे तक एयरस्पेस को पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया है। देशभर में नोटम (NOTAM) जारी किया गया है, जिसके तहत सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोक दी गई हैं। खासतौर से रावलपिंडी और रफीकी एयरबेस पर हुए विस्फोटों के बाद यह निर्णय लिया गया।

भारत सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
इस पूरे घटनाक्रम पर भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि या प्रतिक्रिया नहीं आई है। रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है, जिससे कूटनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
कूटनीतिक और सैन्य विश्लेषण
सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि भारत द्वारा यदि वास्तव में ऐसी कार्रवाई की गई है तो यह सर्जिकल स्ट्राइक से एक कदम आगे मानी जा सकती है, जो कि पाकिस्तान की बढ़ती ड्रोन गतिविधियों और सीमा पार आतंकवाद के जवाब में की गई हो सकती है। वहीं पाकिस्तान इसे आंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुद्दा बनाने की तैयारी में है।