नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उन देशों की कड़ी निंदा की है जो वीटो पावर का इस्तेमाल करके खतरनाक आतंकवादियों को प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में शामिल होने से रोकते हैं। भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि UNSC आतंकवाद से निपटने का वादा करता है, लेकिन वीटो पावर का दुरुपयोग करके कुछ देश इस वादे को कमजोर कर रहे हैं।
रुचिरा कंबोज ने कहा:
“UNSC का दायित्व है कि वह आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट हो।”
“वीटो पावर का दुरुपयोग गैरजरूरी है और इससे दोहरे रवैये की बू आती है।”
“UNSC उन नामों की लिस्ट जारी करता है, जिन्हें आतंकवाद की सूची में शामिल किया गया है।”
“हालांकि, जिनका नाम खारिज होता है उसे लेकर कोई लिस्ट या कारण सार्वजनिक नहीं किया जाता है।”
“यह पारदर्शिता की कमी चिंताजनक है और UNSC की विश्वसनीयता को कमजोर करती है।”
भारत ने UNSC में सुधार की मांग की है:
“UNSC को सभी सदस्यों के लिए समान और पारदर्शी होना चाहिए।”
“वीटो पावर का इस्तेमाल सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए।”
“आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।”
भारत का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि:
भारत लंबे समय से UNSC में सुधार की मांग करता रहा है।
भारत आतंकवाद का शिकार रहा है और वह इस खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत की आवाज UNSC में महत्वपूर्ण है और यह अन्य देशों को वीटो पावर के दुरुपयोग पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकती है।