वॉशिंगटन, अमेरिका: अमेरिका के पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उस हालिया बयान की ओर इशारा किया जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान की “गले की नस” है।
माइकल रुबिन का मानना है कि इस बयान ने आतंकियों को हमले के लिए उकसाया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब भारत को सख्त रुख अपनाते हुए ‘पाकिस्तान के गले की नस काटने की जरूरत’, क्योंकि अब कूटनीति से काम नहीं चलेगा।

हमले के पीछे आईएसआई का हाथ
रुबिन ने स्पष्ट किया कि भले ही तकनीकी खुफिया जानकारी अभी पूरी तरह सामने नहीं आई है, लेकिन शुरुआती संकेत पाकिस्तान की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं। उनका मानना है कि इस हमले के पीछे आईएसआई का हाथ है, जिससे संदेह की दिशा पाकिस्तान की ओर जाती है। उन्होंने हमले की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए और इसे एक सोची-समझी रणनीति बताया। रुबिन ने याद दिलाया कि ऐसा ही हमला साल 2000 में उस समय हुआ था जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत यात्रा पर थे।
इस बार भी ठीक उसी तरह, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में मौजूद थे, उसी दौरान पहलगाम में हमला हुआ। उन्होंने इसे पाकिस्तान की एक साज़िश बताया, जिसका मकसद वैश्विक ध्यान भटकाना हो सकता है। उनके अनुसार, अमेरिका को अब इस तरह की घटनाओं पर चुप रहने की बजाय स्पष्ट और सख्त प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

लंबे समय से पाक लश्कर-ए-तैयबा को देता आ रहा है शरण
अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (AEI) के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने यह स्पष्ट करते हुए बताया कि पाकिस्तान लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को शरण देता आ रहा है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के राजनयिक लगातार पश्चिमी देशों को भ्रमित करते रहे हैं, जिसके चलते इन आतंकी संगठनों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई। इसका परिणाम यह हुआ है कि अब आतंकवादी नेटवर्क न सिर्फ पाकिस्तान सहित बांग्लादेश जैसे उसके पड़ोसी देशों में भी फैलते जा रहे हैं। रुबिन के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भी इन नेटवर्कों के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।