नई दिल्ली: भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) युक्त कैमरों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इन अत्याधुनिक कैमरों और चेहरे की पहचान करने वाले उपकरणों की मदद से सीमा पर निगरानी को अभूतपूर्व रूप से बढ़ा दिया गया है।
यह कदम घुसपैठ, अपराध और तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है। बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि “बीएसएफ ऐसी सभी गतिविधियों के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता की नीति रखता है और फील्ड कमांडरों को दलालों को पकड़ने के लिए खुफिया-आधारित अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।”
तस्करों पर नकेल
बीएसएफ ने सीमा चौकियों पर जवानों की संख्या बढ़ा दी है और तस्करों के नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान शुरू किए गए हैं। त्रिपुरा फ्रंटियर के आईजी ने बताया कि “इस साल अब तक 29 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थों को जब्त किया गया है और 198 बांग्लादेशी नागरिकों और 12 रोहिंग्याओं को पकड़ा गया है।”
मुख्यमंत्री ने दिए सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी बीएसएफ को राज्य में सीमा पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बीएसएफ ने रविवार को कहा कि उसने सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है और अतिरिक्त टीमों को गहन क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है।
सफलता
बीएसएफ की इन पहलों का सकारात्मक असर दिख रहा है। बीएसएफ ने हाल ही में 1 जुलाई से शिलांग में संपन्न चार दिवसीय आईजी बीएसएफ-रीजनल कमांडर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) वार्ता में बांग्लादेशी दलालों और अपराधियों की सूची वाला एक डोजियर बीजीबी को सौंपा है।
यह माना जा रहा है कि एआई कैमरों और सख्त निगरानी से भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था में और भी सुधार होगा और घुसपैठ, अपराध और तस्करी जैसी गतिविधियों पर रोक लगेगी।