नई दिल्ली: 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप जीताने वाले तीन महान क्रिकेटरों, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और सुरेश रैना के खिलाफ हाल ही में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। इन तीनों के साथ गुरकीरत मान भी इस विवाद में फंस गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉइमन्ट फॉर डिसएबल्ड (NCPEDP) के अध्यक्ष अरमान अली ने इन खिलाड़ियों के खिलाफ अमर कॉलोनी पुलिस थाना में शिकायत की है। इसके साथ ही उन्होंने मेटा इंडिया की उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संध्या देवनाथन के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है।
पूरा मामला क्या है?
यह विवाद एक वीडियो के चलते शुरू हुआ, जिसे युवराज सिंह, हरभजन सिंह और सुरेश रैना ने हाल ही में इंग्लैंड में खत्म हुए वर्ल्ड कप लीजेंड फाइनल के बाद सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस वीडियो में ये तीनों खिलाड़ी लंगड़ाते हुए और अपनी पीठ पकड़ते हुए नजर आ रहे थे। वीडियो के साथ टाइटल में लिखा गया था, “बॉडी की तौबा-तौबा हो गई है 15 दिनों के लीजेंड क्रिकेट में…शरीर का हर हिस्सा टूट रहा है।” इस वीडियो के कारण भारतीय पैरा एथलीट्स ने इन पर दिव्यांगों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया।
पैरा एथलीट्स का विरोध
विश्व चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी ने इस वीडियो को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे बेहद खराब मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि यह वीडियो दिव्यांगों का अपमान है। इस विवाद के बीच हरभजन सिंह ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी सफाई दी और कहा कि उनकी मंशा किसी का अपमान करना नहीं थी।
पुलिस शिकायत में क्या कहा गया?
अरमान अली ने अपनी शिकायत में कहा, “यह वीडियो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है, जो प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है। यह दिव्यांगों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 92 का भी उल्लंघन करता है।” उन्होंने अधिकारियों से इन खिलाड़ियों के खिलाफ तत्काल और उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया।
हरभजन सिंह की माफी
हरभजन सिंह ने ‘एक्स’ पर माफी मांगते हुए लिखा, “हम किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे। यह वीडियो सिर्फ 15 दिनों तक लगातार क्रिकेट खेलने के बाद हमारे शरीर पर पड़ने वाले असर को दर्शाने के लिए था। फिर भी अगर लोगों को लगता है कि हमने कुछ गलत किया है, तो मैं अपनी तरफ से माफी चाहता हूं।”